चंद्रकांता संतति (देवकीनंदन खत्री) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Chandrakanta Santati (Devkinandan Khatri) Hindi Book PDF

       

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(चित्र केवल प्रतीकात्मक)


चंद्रकांता संतति (देवकीनंदन खत्री) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Chandrakanta Santati (Devkinandan Khatri) Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : चंद्रकांता संतति | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : देवकीनंदन खत्री | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 8 MB हैं | पुस्तक में कुल 266 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Chandrakanta Santati | This book is written by : Devkinandan Khatri. Approximate size of the PDF file of this book is : 8 MB. This book has a total of 266 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
देवकीनंदन खत्रीसाहित्य, उपन्यास 8 MB266

पुस्तक से :

नौगढ़ के राजा सुरेंद्र सिंह के लड़के वीरेंद्र सिंह की शादी विजय गढ़ के महाराज जयसिंह की लड़की चंद्रकांता के साथ हो गयी. बारात वाले दिन तेजसिंह की आखिरी दिल्लगी के सबब चुनार के महाराज शिवदत्त को मशालची बनना पड़ा. बहुतों की यह राय हुई कि महाराज शिवदत्त का दिल अभी तक साफ नहीं हुआ इसलिये अब इनको कैद में ही रखना मुनासिब है मगर महाराजा सुरेंद्र सिंह ने इस बात को नापसंद करके कहा कि "महाराज शिवदत्त को हम छोड़ चुके हैं, इस वक्त जो तेजसिंह से उनकी लठाई हो गयी यह हमारे साथ वैर रखने का सबूत नहीं हो सकता."


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