हितोपदेश (नारायण पंडित) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Hitopadesha (Narayan Pandit) Hindi Book PDF

       

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(चित्र केवल प्रतीकात्मक)



हितोपदेश (नारायण पंडित) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Hitopadesha (Narayan Pandit) Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : हितोपदेश | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : नारायण पंडित | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 8 MB हैं | पुस्तक में कुल 302 पृष्ठ हैं | पुस्तक के प्रकाशक हैं : चौखम्भा संस्कृत प्रतिष्ठान दिल्ली.

Name of the book is : Hitopadesha | This book is written by : Narayan Pandit. Approximate size of the PDF file of this book is : 8 MB. This book has a total of 302 pages. The book has been published by Chaukhambha Sanskrit Pratisthan Delhi.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
नारायण पंडितसाहित्य, कहानी 8 MB302


पुस्तक से :

विद्या मनुष्य को नम्रता देती है और नम्रता से योग्यता, योग्यता से धन, धन से धर्म, फिर धर्म से सुख पाता है.

 

यौवन, धन, प्रभुता और अविचारता - इनमें से एक भी हो तो अनर्थ के करने वाली है और जिसमें ये चारों होय वहां का क्या ठीक है?

 

हे राजन! नित्य धन का लाभ, आरोग्य, प्रियतमा और मधुरभाषिणी स्त्री, आज्ञाकारी पुत्र और धन का लाभ कराने वाली विद्या - ये संसार में छह सुख हैं.

 

अभ्यास न करने से विद्या, अजीर्ण होने पर भोजन, दरिद्री को सभा और बूढ़े को तरुण स्त्री, विष के समान है.

 

जिस मनुष्य में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इनमें से एक भी न हो, उसका जन्म बकरी के गले के थन के समान वृथा है.

 


सौंदर्य तथा यौवन से युक्त और बड़े कुल में उत्पन्न हुए मनुष्य विद्याहीन होने से सुगंधरहित टेस के पुष्पों के समान शोभा नहीं पाते हैं. सुन्दर कपड़े पहिना हुआ मुर्ख भी सभा में तभी तक अच्छा लगता है जबतक वह कुछ न बोले.

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