रसवंती (रामधारी सिंह दिनकर) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Rasvanti (Ramdhari Singh Dinkar) Hindi Book PDF

       

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रसवंती (रामधारी सिंह दिनकर) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Rasvanti (Ramdhari Singh Dinkar) Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : रसवंती | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : रामधारी सिंह दिनकर | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 9 MB हैं | पुस्तक में कुल 120 पृष्ठ हैं |

Name of the book is :Rasvanti (Ramdhari Singh Dinkar). The book is authored by: Ramdhari Singh Dinkar. Approximate size of the PDF file of this book is : 9 MB. This book has a total of 120 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
रामधारी सिंह दिनकर साहित्य, काव्य 9 MB120

पुस्तक से :

सूखे विटप की सारिके! उजड़ी-कटीली डार से मैं देखता किस प्यार से, पहना नवल पुष्पाभरण तृण, तरु, लता, वनराजि को, हैं जा रहे विहसित-वदन ऋतुराज मेरे द्वार से. 


मुझ में जलन है, प्यास है, रस का नहीं आभास है, यह देख हंसती वल्लड़ी, हँसता निखिल आकाश है. जग तो समझता है यह, पाषाण में कुछ रस नहीं, पर, गिरि हृदय में क्या न व्याकुल निर्झरों का वास है?

 

जीवन - गगन के दाह में उड़ चल सजल निहारिके! सूखे विटप की सारिके!

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