विक्रमोवर्शी (कालिदास) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Vikramovarshi (Kalidas) Hindi Book PDF

    

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(चित्र केवल प्रतीकात्मक)



विक्रमोवर्शी (कालिदास) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Vikramovarshi (Kalidas) Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : विक्रमोवर्शी (कालिदास) | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : महाकवि कालिदास | इसमें राजा पुरुरवा तथा उर्वशी का प्रेम और उनके विवाह की कथा है। पुस्तक  का प्रकाशन राजपाल प्रकाशन ने किया है | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 1 MB हैं | पुस्तक में कुल 149 पृष्ठ हैं | इस रचना के (हिन्दी) रूपांतरकार हैं: विराज.

Name of the book is :Vikramovarshi (Kalidas) |  It narrates the love of Raja Pururava and Urvashi and their marriage. This book is published by : Raajpal | Approximate size of the PDF file of this book is : 1 MB. This book has a total of 149 pages.




पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
कालिदाससाहित्य, नाटक 1 MB149


पुस्तक से :

अहो! प्रेम भी उन वस्तुओं की कामना करता है, जो दुर्लभ हैं. यह उर्वशी पितृ-सदृश इंद्र के मध्यम लोक की ओर उड़कर जाती हुई मेरे मन को शरीर से उसी प्रकार अलग करके बलपूर्वक खींचे लिए जा रही है, जैसे राज-हंसी कमल-नाल के अगले हिस्से को काटकर उसमें से पतला सा सूत्र खींचकर लें जा रही हैं.
दुर्लभ वस्तु की अत्यंत तीव्र लालसा से भरे मेरे इस मन को कामदेव पहले ही जर्जर किए दे रहा है, और यहाँ उपवन में मलयपवन से आमों के पीले पत्ते झड़ गये हैं और उनमें नए अंकुर दिखाई पड़ रहे हैं. इन्हें देखकर मेरे मन को शांति कैसे मिल सकती है? 

डाउनलोड लिंक :

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