वरदान (प्रेमचंद) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Vardan (Premchand) Hindi Book PDF

             

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वरदान (प्रेमचंद) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Vardan (Premchand) Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : वरदान | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : प्रेमचंद | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 1.5 MB हैं | पुस्तक में कुल 260 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Vardan . The book is authored by: Munshi Premchand. Approximate size of the PDF file of this book is : 1.5 MB. This book has a total of 260 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
मुंशी प्रेमचंदसाहित्य, उपन्यास 1.5 MB260


पुस्तक से :

विंध्याचल पर्वत मध्य रात्रि के निविड़ अंधकार में कालदेव की भांति खड़ा था. उस पर उगे हुए छोटे-छोटे वृक्ष इस प्रकार दृष्टिगोचर होते थे, मानो यह उसकी जटाएँ है और अष्टभुजा देवी का मंदिर जिसके कलस पर श्वेत पताकाएँ वायु की मंद-मंद तरंगों में लहरा रही थीं, उस देव का मस्तक है मंदिर में एक झिलमिलाता हुआ दीपक था, जिसे देखकर किसी धुंधले तारे का मान हो जाता था.

 

अर्धरात्रि व्यतीत हो चुकी थी. चारों ओर भयावह सन्नाटा छाया हुआ था. गंगाजी की काली तरंगे पर्वत के नीचे सुखद प्रवाह से बह रही थीं. उसके बहाव से एक मनोरंजक राग की ध्वनि निकल रही थी. ठौर-ठौर नावों पर और किनारों के आस-पास मल्लाहों के चूल्हों की आँच दिखाई देती थी. ऐसे समय में एक श्वेत वस्त्रधारिणी स्त्री अष्टभुजा देवी के सम्मुख हाथ बांधे बैठी हुई थी.

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