शाबर मंत्र सागर हिन्दी पुस्तक | Shabar Mantra Sagar Hindi Book PDF

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शाबर मंत्र सागर पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Shabar Mantra Sagar Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : शाबर मंत्र सागर | इस पुस्तक में गोपनीय एवं अद्भुत साबर मन्त्रोंका दुर्लभ संग्रह है | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं - श्री एस. एन. खंडेलवाल | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : चौखम्भा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 670 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 643 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Shabar Mantra Sagar. This book contains a rare collection of secret and wonderful Shabar-mantras. This book is written/edited by : Shri S. N. Khandelwal | The book is published by : Chaukhambha Surbharti Prakashan, Varanasi. Approximate size of the PDF file of this book is 670 MB. This book has a total of 643 pages.



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श्री एस. एन. खंडेलवाल मंत्र-तंत्र, धर्म, साधना670 MB643


पुस्तक से : 

शाबर तन्त्र को प्राचीन मान्यतानुसार शिव द्वारा उपदिष्ट कहा गया है। कालान्तर में इसका वर्त्तमान में जो प्रचलित रूप प्राप्त होता है, उसे नाथपन्थ के महायोगी गोरक्षनाथ द्वारा प्रवर्तित कहा गया है, फिर भी इसका कोई साक्ष्य नहीं उपलब्ध होता.

 

यह 'अनमिल आखर' रूप है अर्थात् इनके मन्त्रों का कोई अर्थ विदित नहीं होता, जबकि तन्त्रजगत् में मन्त्रार्थ ज्ञान का विशेष महत्त्व है। तन्त्र से इसका यही भेद है। लगता है कि यह विज्ञान केवल शब्द के स्पन्दनों पर आधारित-सा है। वे स्पन्दन सूक्ष्म जगत् में अपना लक्ष्य निर्धारित करके कार्यसिद्धि करते हैं।

 

इसकी उपयोगिता के सम्बन्ध में जनश्रुति यही है कि यद्यपि ये अत्यन्त प्रभावकारी होते हैं तथापि इस क्षेत्र में मेरा अपना अनुभव कुछ भी नहीं है। अतः विज्ञ पाठकगण इसको अनुशीलनादि कसौटी पर कस कर इसकी उपादेयता का स्वयं आकलन करें।

 

विडम्बना यह है कि वर्तमान में ऐसे गुरुगण शायद ही कहीं हो ऐसी स्थिति में इन मन्त्रोंको प्रक्रियाओं तथा जपादिसे सिद्ध करनेको विवशता आ गयी है। इसी कारण परम्परागत शाबरमन्त्रज्ञों ने इसके साथ मन्त्रजागृतिरूप तन्त्रोक्त विधान सम्मिलित कर दिया है। यह परिवर्तन कालपरिवर्तन जनित है। यही युगपरम्परा, कालपरम्परा प्रभृति परिवर्तनका मूल कारण है. शाबर मन्त्र भी इससे अछूते नहीं रह गये हैं।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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