नित्य कर्म पूजा प्रकाश : गीता प्रेस पीडीएफ पुस्तक | Nitya Karm Puja Prakash: Gita-Press PDF Book

Nitya-Karm-Puja-Prakash Gita-Press-PDF-Book


नित्य कर्म पूजा प्रकाश : गीता प्रेस पीडीएफ पुस्तक | Nitya Karm Puja Prakash: Gita-Press PDF Book

नित्य कर्म पूजा प्रकाश हिन्दी पीडीएफ पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Nitya Karm Puja Prakash Hindi PDF Book

इस पुस्तक का नाम है : नित्य कर्म पूजा प्रकाश | इस पुस्तक के लेखक/प्रकाशक हैं : गीता प्रेस | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 16 MB हैं | पुस्तक में कुल 382 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "नित्य कर्म पूजा प्रकाश" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.

Name of the book is : Nitya Karm Puja Prakash | This book is written/published by : Gita Press | Approximate size of the PDF file of this book is : 16 MB. This book has a total of 382 pages. Download link of the book "Nitya Karm Puja Prakash" has been given further on this page from where you can download it for free.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
गीता प्रेसभक्ति, धर्म16 MB382

पुस्तक से :

प्राणायाम की बड़ी महिमा कही गयी है. इससे पाप-ताप तो जल ही जाते हैं, शारीरिक उन्नति भी अद्भुत ढंग से होती है. सुंदरता, स्वास्थ्य और लम्बी आयु के लिए, तो यह मानो वरदान ही है. यदि प्राणायाम के ये लाभ बुद्धिगम्य हो जाएँ तो इसके प्रति आकर्षण बढ़ जाय और तब इससे राष्ट्र का बड़ा लाभ हो.

 

प्रत्येक मनुष्यके जीवन में कुछ क्षण ऐसे होते हैं, जब उसकी बुद्धि निर्मल और सात्त्विक रहती है तथा उन क्षणों में किये हुए कार्यकलाप (कर्म) शुभ कामनाओं से समन्वित एवं पुण्यवर्धन करनेवाले होते हैं, पर सामान्यतः काम-क्रोध, लोभ-मोह, मद मात्सर्य, ईर्ष्या-दम्भ, राग-द्वेष आदि दुर्गुणोंके वशीभूत मानव का अधिकतर समय पापाचरणमें ही व्यतीत हो पाता है, जिसे वह स्वयं भी नहीं समझ पाता।

 

कुछ नित्यकर्म तो ऐसे हैं, जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति को रागपूर्वक नियमित रूप से करना ही पड़ता है। जैसे शौचादि कृत्य, स्नान, भोजन, शयन इत्यादि। पर ये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञा के अनुसार होने चाहिये, तभी वे धर्माचरण के रूप में परिणत होंगे। जीवन के साधारण-से साधारण क्रिया-कलापों पर भी शास्त्रों ने विवेचन किया है और अपनी सम्मति प्रदान की है। यथा प्रातः काल कब उठा जाय, उठने के बाद सर्वप्रथम क्या किया जाय इसके लिये शौच, दन्तधावन, स्नान, भोजन, शयन आदि सभी की विधि बतायी गयी है। अतः इसके अनुसार जीवन धारण करना ही श्रेय पथ का अवलम्बन है।


डाउनलोड लिंक :

"नित्य कर्म पूजा प्रकाश हिन्दी पीडीएफ पुस्तक" को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Nitya Karm Puja Prakash Hindi PDF book" in just a single click for free, simply click on the download button provided below |

Download PDF (16 MB)





If you like this book we recommend you to buy it from the original publisher/owner. Thank you.


गीता प्रेस श्रेणी की अन्य पुस्तकों को पढ़ने और डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

गीता प्रेस