श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण (प्रथम खंड) - गीता प्रेस पीडीएफ | Srimad-Valmiki Ramayan (Part 1) - Gita-Press Book PDF

 


श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण (भाग 1) - गीता प्रेस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Srimad-Valmiki Ramayan (Part 1) - Gita-Press

इस पुस्तक का नाम है : श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण (भाग 1) | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : आदिकवि श्रीवाल्मीकि | ग्रन्थ का प्रकाशन गीता प्रेस ने किया है | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 68 MB हैं | पुस्तक में कुल 833 पृष्ठ हैं |

Name of the book is :Srimad-Valmiki Ramayan (Part 1) - Gita-Press | This book is published by : Gita-Press | Approximate size of the PDF file of this book is : 68 MB. This book has a total of 833 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
आदिकवि श्रीवाल्मीकि महाकाव्य, धर्म, भक्ति  68 MB833

पुस्तक से :

रामायण काव्य अत्यंत उत्तम, वरणीय और मनोवांछित वर देनेवाला है. वह उसका पाठ और श्रवण करने वाले समस्त जगत को शीघ्र ही संसार सागर से पार कर देता है. उस आदिकाव्य को सुनकर मनुष्य श्रीरामचंद्रजी के परम पद को प्राप्त कर लेता है. जो ब्रह्मा, रूद्र और विष्णु नामक भिन्न-भिन्न रूप धारण करके विश्व की सृष्टि, संहार और पालन करते हैं, उन आदिदेव परमोत्कृष्ट परमात्मा श्रीरामचंद्रजी को अपने हृदय-मंदिर में स्थापित करके मनुष्य मोक्ष का भागी होता है.

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