कामायनी (जयशंकर प्रसाद) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Kamayani (Jai Shankar Prasad) Hindi Book PDF

    

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कामायनी (जयशंकर प्रसाद) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Kamayani (Jai Shankar Prasad) Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : कामायनी | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : जयशंकर प्रसाद | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 50 MB हैं | पुस्तक में कुल 148 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Kamayani | This book is written by : Jai Shankar Prasad. Approximate size of the PDF file of this book is : 50 MB. This book has a total of 148 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
जयशंकर प्रसादसाहित्य, काव्य 50 MB148


पुस्तक से :

'कामायनी' में आदि पुरुष मनु और श्रद्धा के मिलन से मानवता के विकास की कथा को रूपक के रूप में प्रस्तुत किया गया है. मानवता के नये युग प्रवर्तक की दृष्टि से मनु ऐतिहासिक पुरुष है और यह रूपक बड़ा ही भावमय बन पड़ा है. जयशंकर प्रसाद ने कामायनी में जीवन की दार्शनिक व्याख्या की है. यह इतनी सरस, मधुर और गेय है कि पाठक के मन को नदी की धारा की तरह बहाए लिए चलती है.


हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर, बैठ शिला की शीतल छांह, एक पुरुष, भीगे नयनों से देख रहा था प्रलय प्रवाह. 

 


चिर-किशोर-वय, नित्य विलासी - सुरभित जिससे रहा दिगंत, आज तिरोहित हुआ कहां वह मधु से पूर्ण अनंत वसंत? आह! कल्पना का सुन्दर यह जगत मधुर कितना होता! सुख-स्वप्नों का दल छाया में पुलकित हो जगता-सोता! नित्य यौवन छवि से ही दीप्त विश्व की करुणा कामना मूर्ति, स्पर्श के आकर्षन से पूर्ण प्रकट करती ज्यों जड़ में स्फूर्ति.


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