मालविकाग्निमित्र (कालिदास) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Maalvikagnimitra (Kalidas) Hindi Book PDF

     

malavikagnimitram-by-Kalidas-hindi-book-pdf
(चित्र केवल प्रतीकात्मक)



मालविकाग्निमित्र (कालिदास) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Maalvikagnimitra (Kalidas) Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : मालविकाग्निमित्र (कालिदास) | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : महाकवि कालिदास | इसमें अग्निमित्र और मालविका के प्रेम का वर्णन है. इस पुस्तक का प्रकाशन राजपाल प्रकाशन ने किया है | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 1 MB हैं | पुस्तक में कुल 149 पृष्ठ हैं | इस रचना के (हिन्दी) रूपांतरकार हैं: विराज.

Name of the book is :Maalvikagnimitra (Kalidas) | It narrates the love story of Malavika and Agnimitra.  This book is published by : Raajpal | Approximate size of the PDF file of this book is : 1 MB. This book has a total of 149 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
कालिदाससाहित्य, नाटक 1 MB149


पुस्तक से :

वसंत आ ही पहुंचा है. देखों, उन्मत्त हुई कोकिला का कर्ण-मधुर स्वर सुनाई पड़ रहा है. ऐसा प्रतीत होता है मानो वसंत सहानुभूतिपूर्वक मुझसे पूछ रहा है कि प्रेम की व्यथा सह्य तो है? आम्र की मंजरियों की सुगंध से भरा हुआ दक्षिण पवन मेरे शरीर को ऐसे स्पर्श कर रहा है मानो वसंत अपने सुकोमल हाथ से मेरे शरीर को सहला रहा हो.
मुझे भी देख-देखकर आश्चर्य हो रहा है. इस लाल अशोक की कांति युवतियों के बिम्बाधरों की अरुणिमा  से भी अधिक सुन्दर है. इन कुरबक के काले, सफेद और लाल फूलों ने तरुणियों के मुखों पर श्रृंगार के लिए की गयी चित्रकारी को भी नीचा दिखा दिया है. काले भौरों से घिरे हुए तिलक के फूलों ने सुंदरियों के मस्तक पर लगे हुए तिलकों को फीका कर दिया है, ऐसा प्रतीत होता है कि स्त्रियों के मुख का श्रृंगार वसंत-शोभा के पैरों की धूल भी नहीं है.

डाउनलोड लिंक :

"मालविकाग्निमित्र (कालिदास) हिन्दी पुस्तक" को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Maalvikagnimitra (Kalidas) Hindi Book" PDF book in just a single click for free, simply click on the download button provided below |

Download PDF (1 MB)



If you like this book we recommend you to buy it from the original publisher/owner. Thank you.