चमत्कार चिंतामणि हिन्दी ग्रन्थ के बारे में अधिक जानकारी | More details about Chamatkar Chintamani Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : चमत्कार चिंतामणि. इस ग्रन्थ के मूल रचनाकार हैं: श्रीभट्टनारायण. ग्रन्थ के टीकाकार है : मालवीय दैवज्ञ धरमेश्वर. इस पुस्तक का संपादक ब्रजबिहारीलाल शर्मा ने किया है. इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 210 MB हैं | पुस्तक में कुल 548 पृष्ठ हैं |Name of the book is : Chamatkar Chintamani. This book is originally written by : Shri Bhattnarayan. Commentary is done by: Malviya Daivajna Dharmesvara. This book is edited and annotated by Brajbiharilal Sharma. Approximate size of the PDF file of this book is : 210 MB. This book has a total of 548 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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श्रीभट्टनारायण | ज्योतिष | 210 MB | 548 |
पुस्तक से :
चमत्कारचिन्तामणि का नाम भावचिन्तामणि भी प्रसिद्ध है। यह ग्रन्थ किस शताब्दीमें लिखा गया है। इस विषय में भी कोई प्रत्यक्ष ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हो रहा है। यह ग्रन्थ १८वीं शताब्दी में लिखा गया होगा, ऐसा अनुमान है।
शहद के समान लाल रंग कड़ी धूपको देखो तो ऐसा ही प्रतीत होता है। यदि सूक्ष्म-दृष्टि से धूप को देखें तो यह कुछ पीले लाल रंग की दिखती है। अतएव जिन मनुष्यों का रवि मुख्य होता है उनकी दृष्टि बहुत तीक्ष्ण होती है, आँखों के कोनों में लाल-लाल रेखाएँ अधिक होती है। शरीर चौकोर होता है।
प्राचीनकाल से ग्रन्थ के प्रारम्भ में मङ्गलाचरणात्मक श्लोक लिखने की परिपाटी चली आ रही है। इस मङ्गलाचरणका प्रयोजन ग्रन्थ की निर्विघ्न समाप्ती तथा शिष्टाचार है। न्यायसिद्धान्तमुक्तावली के प्रारम्भ में इस विषय पर बहुत ऊहापोह के साथ यह निर्णय किया गया है कि मङ्गलाचरण आवश्यक तथा कर्तव्य है.
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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