गायत्री पंचदशी हिन्दी ग्रन्थ के बारे में अधिक जानकारी | More details about Gayatri Panchdashi Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है: गायत्री पंचदशी | इस पुस्तक के लेखक/सम्पादक हैं : अरुण कुमार उपाध्याय | पुस्तक का प्रकाशन किया है : नाग पब्लिशर्स, दिल्ली| इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 32 MB हैं | पुस्तक में कुल 134 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Gayatri Panchdashi. This book is written/edited by: Arun Kumar Upadhyay. The book is published by: Naag Publishers Delhi. Approximate size of the PDF file of this book is 32 MB. This book has a total of 134 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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अरुण कुमार उपाध्याय | धर्म, भक्ति | 32 MB | 134 |
पुस्तक से :
हमारे शास्त्रोंमें गायत्री का महत्त्व काफी वर्णित है। इस ग्रन्थ का उद्देश्य उनकी पुनरुक्ति नहीं है। गायत्री एक छन्द है, तथा उस रूप में उसे सर्व प्रमुख कहा गया है गीतामें भगवान कृष्णने छन्दों में अपने को गायत्री कहा है। इस छन्द में वेदके अधिकांश सूक्त हैं। उन्हीं में एक सूक्त गायत्रीमन्त्र कहा जाता है।
प्रख्यात वेदज्ञ तथा तान्त्रिकश्री भास्करराय भारती ने वरिवस्या रहस्य में मन्त्रों के १५ अर्थ कहे हैं। यही अर्थ वेदमें भी कहा गया है। वेदके मुख्यतः ३ अर्थ माने जाते हैं आध्यात्मिक, आधिदैनिक तथा आधिभौतिक यह विश्वों के तीन विभाजन पर आधारित है- शरीर के भीतर का, आकाश में, तथा हमारे निकट की पृथ्वी का.
ऋषियों ने मन्त्रका दर्शन किया इस अर्थ में वह अपौरुषेय है। इस मन्त्रके शब्दों का अर्थ अगोपागों से ही प्रकट है तथा उन्हीं ऋषियों द्वारा निर्मित है। उस प्रसंग में ही मंत्रका शब्दरूप में दर्शन होता है।व्यक्तिगत रूप में ऋषि मंत्रकृत हैं। अलग-अलग ऋषियों ने ब्रह्मका अलग-अलग शब्दों में वर्णन किया है।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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