गोली (आचार्य चतुरसेन) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Goli (Acharya Chatursen) Book PDF

      

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(चित्र केवल प्रतीकात्मक)




गोली (आचार्य चतुरसेन) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Goli (Acharya Chatursen) Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : गोली | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : आचार्य चतुरसेन | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 10 MB हैं | पुस्तक में कुल 296 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Goli. This book is written by : Acharya Chatursen. Approximate size of the PDF file of this book is : 10 MB. This book has a total of 296 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
आचार्य चतुरसेन
साहित्यउपन्यास 10 MB296


पुस्तक से :

मैं जन्मजात अभागिनी हूं. स्त्री जाति का कलंक हूं. स्त्रियों में अधम हूं. परन्तु मैं निर्दोष हूं, निष्पाप हूं. मेरा दुर्भाग्य मेरा अपना नहीं है, मेरी जाति का है, जाति-परम्परा का है. हम पैदा ही इसलिये होती हैं कि कलंकित जीवन व्यतीत करें. जैसे मैं हूं, ऐसी ही मेरी माँ थी, परदादी थी, उनकी भी दादिया-परदादिया थीं. मेरी सब बहनें ऐसी ही है. मैंने जन्म से ही राज-सुख भोगा, राजमहल में पलकर मैं बड़ी हुई, रानी की भांति मैंने अपने यौवन का श्रृंगार किया. हीरे-मोती मेरे लिए कंकर-पत्थर के ढेर थे. मैं मुहरें लुटाती थी, सुनहरी छपरखट पर सोती थी, नित नये छप्पन-भोग खाती थी.

 

देखिये, मैं अपनी समूची कहानी आपको बताने पर आमादा हूं. निःसन्देह आपको वह अद्भुत और अनहोनी-सी लगेगी. कभी न सुनी हुई बातें और कभी न देखें हुए तथ्य आपके सामने आएंगे. मैं सब कुछ आपबीती आपको कह सुनाऊँगी. कुछ भी छिपाकर न रखूंगी. परन्तु न तो अपना असली नाम आपको बताउंगी, न उस ठिकाने या ठाकुर का जिसकी पर्यकशायिनी मेरी माँ थी. न उस राजा का, जहाँ मैंने रानी के समान 21 वर्ष रंगमंहल में बिताये.


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