रेणुका (रामधारी सिंह दिनकर) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Renuka (Ramdhari Singh Dinkar) Hindi Book PDF

  

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रेणुका (रामधारी सिंह दिनकर) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Renuka (Ramdhari Singh Dinkar) Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : रेणुका | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : रामधारी सिंह दिनकर | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 6 MB हैं | पुस्तक में कुल 150 पृष्ठ हैं |


Name of the book is :Renuka. The book is authored by: Ramdhari Singh Dinkar. Approximate size of the PDF file of this book is : 6 MB. This book has a total of 150 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
रामधारी सिंह दिनकर साहित्य, काव्य 6 MB150


पुस्तक से :

व्योमकुंजों की परी अयि कल्पने! भूमि को निज स्वर्ग पर सलचा नहीं, उड़ न सकते हम धुमैले स्वप्न तक दशक्ति हो तो आ बसा अलका यहीं। फूल से सज्जित तुम्हारे अंग हैं और हीरक ओस का श्रृंगार है, धूल में तरणी तरुण हम रो रहे वेदना का शीश पर गुरु भार है। अरुण की आभा तुम्हारे देश में, है सुना, उसकी अमिट मुसकान है; टकटकी मेरी क्षितिज पर है लगी, निशि गई, हँसता न स्वर्ण विहान है।


आज न उड़ के नील कुंज में स्वप्न खोजने जाऊँगी, - आज चमेली में न चंद्र-किरणों से चित्र बनाऊँगी। अधरों में मुसकान न लाली बन कपोल में छाऊँगी, कवि किस्मत पर भी न तुम्हारी आँसू आज बहाऊँगी। नालन्दा वैशाली में तुम रुला चुके सौ बार, धूसर भुवन स्वर्ग ग्रामों में कर पाई न विहार - आज यह राज वाटिका छोड़ चलो कवि! वनफूलों की ओर।

 (नोट: उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.) 



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