उपयोगी चिकित्सा हिन्दी ग्रन्थ के बारे में अधिक जानकारी | More details about Upayogi Chikitsa Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है: उपयोगी चिकित्सा | इस पुस्तक के लेखक/सम्पादक हैं : धर्मचंद्र शास्त्री | पुस्तक का प्रकाशन चाँद कार्यालय, इलाहाबाद ने किया है. इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 6 MB हैं | पुस्तक में कुल 228 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Upayogi Chikitsa. This book is written by: Dharmachandra Shastri. The book has been published by Chand Karyalaya, Allahabad. Approximate size of the PDF file of this book is 6 MB. This book has 228 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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धर्मचंद्र शास्त्री | आयुर्वेद, स्वास्थ्य | 6 MB | 228 |
पुस्तक से :
अनेक बार देखा गया है कि कोई रोग बहुत सा बहुमूल्य औषधियों के प्रयोग करने पर भी शान्त नहीं होता, प्रत्युत एक साधारण दो-चार पैसे की औषधिसे शान्त हो जाता है। मैं समझता हूँ कि यही बात है, जो चरक सुश्रुतों में दो-एक स्थानों के सिवाय प्रायः सभी जगह अल्पमूल्य काष्ठादि औषधियों का ही प्रयोग लिखा गया है.
चिकित्सा करने में रोगी की सेवा उसका प्रधान अंग है; क्योंकि वैद्य और औषधि रोगी के योग्य होने पर भी यदि रोगी की सेवा यथोचित नहीं की जाती तो उसका अच्छा होना कठिन हो जाता है। इसलिए यहाँ पर रोगी की सेवा के विषय में कतिपय आवश्यकीय उपदेश लिखे जाते हैं, जिनका रोग के विषयमें सर्वदा स्मरण रखना विशेष लाभदायक सिद्ध होगा।
रहने का मकान या कमरा खूब साफ होना चाहिए; और उसमें मकड़ी के जाले, सड़ी-गली चीजें, मच्छर-मक्खी आदि न होने चाहिए। मकान या कमरा खूब हवादार होना चाहिए। अशुद्धं वायु में और विशेषकर ऐसी वायु में, जिसमें रोगोत्पादक कीटाणुओं के होने की सम्भावना हो, कभी न रहना चाहिए।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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