ब्रह्मचर्य ही जीवन है हिन्दी पुस्तक | Brahmacharya hi Jeevan Hai Hindi Book PDF

                 

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ब्रह्मचर्य ही जीवन है पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Brahmacharya Hi Jeevan Hai Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है: ब्रह्मचर्य ही जीवन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : स्वामी शिवानंद | पुस्तक का प्रकाशन किया है : छात्र-हितकारी पुस्तकमाला दरारगंज,प्रयाग | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 6 MB हैं | पुस्तक में कुल 194 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Brahmacharya Hi Jeevan Hai. This book is written by: Swami Shivanand. The book is published by: Chhatra Hitkari Pustakmala. Approximate size of the PDF file of this book is 6 MB. This book has a total of 194 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
स्वामी शिवानंदधर्म-अध्यात्म6 MB194



पुस्तक से :


यह ग्रन्थ पूर्ण मौलिक है. इसके लेखक स्वामी शिवानंद नाम के एक युवा गृहस्थ सन्यासी है. इस ग्रन्थ को स्वामीजी ने बहुत से ग्रंथों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करके लिखा है और उसमें अपने अनुभव का भी पूर्ण समावेश किया है. इस कारण यह ग्रन्थ बड़े ही महत्व का हुआ है. इस ग्रन्थ को पढ़ने और उसके अनुसार चलने से पतित से पतित मनुष्य का भी जीवन प्रवाह अवश्य बदल सकता है, इसमें कोई शंका नहीं है.

 

इस ग्रन्थ में दिये हुए ब्रह्मचार्य पालन के नियम अत्यंत ही सरल व सुलभ है. उनमें एक कौड़ी का भी खर्च नहीं है. जैसे हम पालन कर रहे हैं वैसे ही आप भी पालन कर सकते हैं. यदि दिल से निश्चय कर लो तो क्या नहीं हो सकता. निश्चय ही बल है और निश्चय ही फल है.

 

 

जब रोगियों के बारे में वैद्यओं का कुछ भी वश नहीं चलता तो अंत में जलवायु परिवर्तन के लिए ही उन्हें सलाह दी जाती है, परन्तु उसके पहले वो रोगियों को खूब लूट लेते हैं. सचमुच शुद्ध वायु, शुद्ध जल, शुद्ध व पवित्र भूमि, विपुल प्रकाश व विपुल अवकाश बस ये ही इस लोक के पंचामृत है.

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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