मन को वश करने के उपाय : गीता प्रेस हिन्दी ग्रन्थ | Man ko Vash Karne ke Upaya : Gita-Press Hindi Book PDF

 

Man-ko-Vash-Karne-ke-Upaya-Gita-Press-Hindi-Book-pdf

मन को वश करने के उपाय हिन्दी ग्रन्थ के बारे में अधिक जानकारी | More details about Man ko Vash Karne ke Upaya Hindi Book

इस ग्रन्थ का नाम है : मन को वश करने के उपाय | इस ग्रन्थ के लेखक हैं : श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार भाईजी | इस ग्रन्थ के प्रकाशक हैं : गीता प्रेस गोरखपुर | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 1 MB हैं | पुस्तक में कुल 39 पृष्ठ हैं |

Name of the book is: Man ko Vash Karne ke Upaya | This book is written by : Shri Hanuman Prasad Poddar Bhaiji | The book is published by Gita-Press Gorakhpur. Approximate size of the PDF file of this book is: 1 MB. This book has a total of 39 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार भाईजीआध्यात्म, धर्म, प्रेरक1 MB39


पुस्तक से :

बस, मन ही जगत् है, मन नहीं तो जगत् नहीं! मन विकारी है, इसका कार्य संकल्प-विकल्प करना है, यह जिस पदार्थको ग्रहण करता है स्वयं भी तदाकार बन जाता है । यह रागके साथ ही चलता है, सारे अनर्थो की उत्पत्ति राग से होती है, राग न हो तो मन प्रपञ्चों की ओर न जाय। किसी भी विषय में गुण और सौन्दर्य देखकर उसमें राग होता है, इसी से मन उस विषयमें प्रवृत्त होता है परन्तु जिस विषय में इसे दुःख और दोष दीख पड़ते हैं उससे इसका द्वेष हो जाता है, फिर यह उसमें प्रवृत्त नहीं होता, यदि कभी भूल कर प्रवृत्त हो भी जाता है तो उसमें अवगुण देखकर द्वेष से तत्काल लौट आता है.

 

मन के कहने में नहीं चलना चाहिये। जब तक यह मन वश में नहीं हो जाता तब तक इसे परम शत्रु मानना चाहिये। जैसे शत्रु के प्रत्येक कार्य पर निगरानी रखनी पड़ती है वैसे ही इसके भी प्रत्येक कार्य को सावधानी से देखना चाहिये।

 


कुसङ्ग में पड़ा हुआ बालक जब तक कुसङ्ग नहीं छोड़ता, तब तक उसे कुसङ्गियों से बुरी सलाह मिलती रहती है, इससे उसका वश में होना कठिन रहता है पर जब कुसंग छूट जाता है तब उसे बुरी सलाह नहीं मिल सकती, दिन रात घर में उसको माता-पिता के सदुपदेश मिलते हैं, वह भली-भली बातें सुनता है। तब फिर उसके सुधरकर माता-पिता के आज्ञाकारी होने में विलम्ब नहीं होता। इसी तरह यदि विषय-चिन्तन करने वाले मन को कोई एक साथ ही निर्विषय करना चाहे तो वह नहीं कर सकता।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"मन को वश करने के उपाय (गीता प्रेस)" हिन्दी ग्रन्थ को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Man ko Vash Karne ke Upaya (Gita-Press)" book in just single click for free, simply click on the download button provided below |

Download PDF (1 MB)


If you like this book we recommend you to buy it from the original publisher/owner. Thank you.