आवाहन (अरुण कुमार शर्मा) हिन्दी पुस्तक | Avahan (Arun Kumar Sharma) Hindi Book PDF

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आवाहन हिन्दी ग्रन्थ के बारे में अधिक जानकारी | More details about Avahan Hindi Book

इस ग्रन्थ का नाम है : आवाहन | इस पुस्तक के लेखक हैं : अरुण कुमार शर्मा. इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : आस्था प्रकाशन, वाराणसी. इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 23 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 498 पृष्ठ हैं |

Name of the book is: Avahan | This book is written by : Kautilya. This book is published by : Aastha Prakashan, Varanasi. Approximate size of the PDF file of this book is: 23 MB. This book has a total of 498 pages.


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पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
अरुण कुमार शर्मायोग, मनोविज्ञान, तंत्रमंत्र23 MB498


पुस्तक से :

इस प्रसंग में यह बतला देना और स्पष्ट कर देना अति आवश्यक है कि शक्तिपात दीक्षायोग और तंत्रकी अति महत्वपूर्ण दीक्षा है। यह अत्यन्त रहस्यमयी गहन गम्भीर और सर्वोच्च समझी जाती है। यह गुह्य और गोपनीय दीक्षा उस विशेष व्यक्तिको दी जाती है। जो योगतंत्रपरक साधना की एक विशेष अवस्था को उपलब्ध हो गया होता है। शक्तिपात दीक्षा के पूर्व चार प्रकार की क्रम दीक्षा है- स्पर्श दीक्षा मनोनिग्रह दीक्षा, यवजनिका जिनका दीक्षा और बैन्दव दीक्षा। इन दीक्षाओंके सम्पन्न होने पर ही सद्गुरु शिष्यको अन्तिम शक्तिपात दीक्षा प्रदान करता है।

 

योग के द्वारा आभा की वृद्धि की जा सकती है। प्राचीन ऋषि-मुनि साधनाके माध्यम से अपनी आभा का प्रभाव-क्षेत्र व्यापक कर लेते थे। अच्छा स्वस्थ्य अच्छी आभा का प्रतिबिम्ब होता है। आभा के रंग मनुष्य की वास्तविक शारीरिक एवं मानसिक दशाओं को दर्शाते हैं। अस्वस्थताकी स्थिति में आभा के रंग में अस्थायी परिवर्तन आ जाता है। इन रंगों को देख परख कर व्यक्तिका उपचार किया जा सकता है। आभामण्डलके रंगोंको देख मानव शरीर में निकट भविष्य में होने वाले विभिन्न रोगों का काफी समय पहले पता लगाया जा सकता है।

 

 

पुरुषकी बायीं ओर यदि स्त्री बैठती है तो दोनों के मन और प्राण की धनात्मक और ऋणात्मक ऊर्जाएँ आपस में मिलकर एक विशेष प्रकार की विद्युत चुम्बकीय वृत्त का निर्माण करती हैं। वह वृत्त इसलिए महत्वपूर्ण होता है कि उसकी सहायता से दक्षिणी और उत्तरी ध्रुव से विकीर्ण होने वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगे ब्रह्माण्ड में विचरण करने वाली दिव्य शक्तियोंको साधक की ओर आकर्षित करती हैं जो साधक में दिव्य सिद्धियोंके रूप में प्रकाशित होती हैं।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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