भारत का संविधान हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Bharat ka Samvidhan Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है: भारत का संविधान | इस पुस्तक के लेखक हैं : डॉ. प्रमोद कुमार अग्रवाल | पुस्तक का प्रकाशन किया है : प्रभात प्रकाशन, दिल्ली | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 2 MB हैं | पुस्तक में कुल 333 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Bharat ka Samvidhan. This book is written by: Dr Pramod Kumar Agrawal. The book is published by: Prabhat Prakashan, Delhi. Approximate size of the PDF file of this book is 2 MB. This book has a total of 333 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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डॉ. प्रमोद कुमार अग्रवाल | राजनीति,भारत | 2 MB | 333 |
पुस्तक से :
किसी भी देश के संविधान को उसकी ऐसी आधार विधि कहा जा सकता है, जो उसकी राज्यव्यवस्था के मूल सिद्धांतोंको निर्धारित करती है। वस्तुतः प्रत्येक संविधान उसके संस्थापकों एवं रचनाकारों के आदर्शों, सपनों तथा मूल्यों का एक दर्पण होता है। वह जनता की विशिष्ट व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रकृति, आस्था एवं आकांक्षाओं पर आधारित होता है। भारतका संविधान भी इसका कोई अपवाद नहीं है।
राज्य विस्तार की लालसा से अधिकतर राजा आपस में अक्सर लड़ते रहते थे। फलस्वरूप उनमें एकता का अभाव था। इसी में विदेशी आक्रांता इसका लाभ उठाते रहते थे। वे मुट्ठी भर सैनिक लेकर आते और यहां जमकर लूटमार करते थे हजारों लोगों को गुलाम बनाते और अनुकूल वातावरण देखकर अपना राज चलते थे, अन्यथा अपने देश में वापस लौट जाते।
इन सब परिस्थितियों का लाभ उठाकर ईस्ट इंडिया कंपनी ने व्यापार करने के साथ-साथ ही भारत के कुछ भू-भाग पर शासन करने का अधिकार भी सहज ही प्राप्त कर लिया था।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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