घर का वैद्य हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Ghar ka Vaidh Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है: घर का वैद्य | इस पुस्तक के लेखक हैं : जगगन्नाथ शास्त्री | पुस्तक का प्रकाशन किया है : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 7 MB हैं | पुस्तक में कुल 252 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Ghar ka Vaidh. This book is written by: Jagannath Shastri. The book is published by: Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 7 MB. This book has a total of 252 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
---|---|---|---|
जगन्नाथ शास्त्री | उपचार,आयुर्वेद | 7 MB | 252 |
पुस्तक से :
कान दर्द - साठ ग्राम लाहौरी नमक (सफेद) 250 ग्राम पानीमे वारीक पीमकर मिलाए। जब बिल्कुल घुल जाए तो इसमें 120 ग्राम तिल्ली का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकाएँ। जब पानी जलकर केवल तेल बची रहे तो उतारकर रख दें। दो-तीन दिनमें तेल ऊपर था जाएगा। इसे निथार कर शीशी मे रख लें। दो बूंद गुनगुना करके कानमे टपकाएँ, तीव्र से तीव्र दर्द भी तुरन्त बंद होगा। कान बहने मे भी लाभदायक है ।
दंत मंजन - गेहू-क्षार, हरड और बहेडा आंवला ( गुठली निकाल कर ) सब बराबर वजन (सारी पचास-पचास ग्राम) लेकर बारीक पीसें और कपड़े मे छानें । इमे मंजन के रूपमें प्रातः व सायं उंगली के साथ दानो ओर मसूडो पर लगाएँ और दस मिनट पश्चात् ताजा या उष्ण जल से मुह साफ करें। यह दातो का मैल, मुह की दुर्गन्ध, जबान के छाले, मसूड़ों से खून आना, मसूड़ों का फूलना या पीप इत्यादि कष्टो को दूर करता है ।
संयोगवश एक अस्मी नब्बे वर्षीय बुढियासे सम्पर्क हुआ। उसने बताया कि बच्चीको मेदा विकार की शिकायत है। जब तक मेदा ठीक नही होगा, बच्ची स्वस्थ नही होगी। फैसला किया गया कि बच्ची को तीन ग्राम काला नमक एक चम्मच पानीमें पकाकर दिया जाए जो कि तुरन्त दे दिया गया । यह देखकर सभी हैरान रह गए कि ऐक मामूली-सी चीजने ऐसा असर किया कि दस्त आादि बन्द हो गए भौर हाजमा ठीक होने लगा। बच्ची धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगी और वह अब तक पूर्ण स्वस्थ है ।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
"घर का वैद्य" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |
To download "Ghar ka Vaidh" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.