जीने की कला हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Jine ki Kala Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : जीने की कला | इस पुस्तक के लेखक हैं : श्री परमहंस योगानंद | पुस्तक का प्रकाशन किया है : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 9 MB हैं | पुस्तक में कुल 59 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Jine ki Kala. This book is written by : Shri Paramahans Yogananda. The book is published by : Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 9 MB. This book has a total of 59 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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श्री परमहंस योगानंद | सामाजिक,प्रेरक | 9 MB | 59 |
पुस्तक से :
अपने दैनिक दिनचर्या में खान-पान में दूध एवं दूध से बने अन्य प्रकार के पदार्थ, और अच्छी मात्रा में कच्ची सब्जियाँ तथा ताजा फल सम्मिलित अवस्था कीजिए, संतरे के रस का एक बड़ा गिलास बारीक पिसे सूखे मेवे मिलाकर रोज पीएं। जहाँ तक सम्म्भव हो माँस का प्रयोग न ही करें। गाय और सुअर का मांस तो बिल्कुल ही न लें। आहार-विज्ञान से सम्बन्धित कोई अच्छी आधुनिक पुस्तक पढ़ें और उसे व्यवहार में लाने का प्रयास करे।
प्रतिदिन सुबह और शाम, गहन एकाग्रता के साथ द्रुत गति से टहलें, दौड़े, अथवा अपनी शरीर संरचना के अनुसार जितनी तीव्रता से हो सके उतनी तीव्रता से किसी प्रकार का कोई व्यायाम तब तक करें जब तक आपको पसीना न आ जाए।
भरोसा करने योग्य कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी पत्र-पत्रिका पढ़े और प्रेरणादायक आध्यात्मिक पत्रिका पढ़ें। समाचारपत्र पढ़ते समय अपने पठन में केवल कॉमिक एवं अपराध घोटालों के समाचार नहीं बल्कि सम्पादकीय तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी लेख सम्मिलित करें।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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