ज्योतिष नवनीत हिन्दी पुस्तक | Jyotish Navneet Hindi Book PDF

                               

Jyotish-Navneet-Hindi-Book-PDF

ज्योतिष नवनीत हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Jyotish Navneet Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है: ज्योतिष नवनीत | इस पुस्तक के लेखक हैं : आचार्य भास्करानंद लोहनी | पुस्तक का प्रकाशन किया है : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 112 MB हैं | पुस्तक में कुल 226 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Jyotish Navneet. This book is written by: Acharya Bhaskaranand Lohani. The book is published by: Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 112 MB. This book has a total of 226 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
आचार्य भास्करानंद लोहनी  ज्योतिष112 MB226



पुस्तक से : 

मूलका जन्म समाज में बड़ा अशुभ माना जाता है, लेकिन इतने भयभीत होनेकी बात नहीं है। वास्तव में इसका दोष उन तथाकथित ज्योतिषियों पुरोहितों को है जो मूलशान्ति के नाम पर अपनी जेब गरम करनेके लिये शिशु जन्मके मंगल समयपर अपने निहित स्वार्थ के लिये माता-पिता को भय दिखाकर अमंगल करते हैं। पता नहीं दूसरे प्रान्तों में क्या स्थिति है यहाँ उत्तर प्रदेश में तो पण्डितोंकी बलिहारी है।

 

'वृश्चिक राशिके तारा समूह से जो बिच्छू की आकृति बनती है, उस बिच्छू के ठीक पूंछ में यह तेज तारा है, इसके साथ ११ में अन्य छोटे तारे हैं। आधुनिक वैज्ञानिक भी यह मानते हैं कि मूलका यह नक्षत्र मण्डल विषाक्त है। भारतीय साहित्य में मूल नक्षत्र को मृत्युके देवता यम के सहचर काल का लोक माना गया है। दूसरे रूपमें वृश्चिक राशि बनाने वाले तारा समूह के पूंछ पर यह ठीक उस जगह है, जहाँ पर बिच्छू के डंक में विष होता है, साहित्य की दृष्टि से यह इस विषाक्त नक्षत्र को विच्छू के डंक में स्थान देना एक अनोखी कल्पना है।

 

 

'यह तो ज्योतिषशास्त्र की चर्चा है, ज्योतिष शास्त्रके बाहर यूरोप आदि देशों में कूटनीतिक विषकन्याओं की चर्चा मिलती है। ये राजनीतिक विष कन्यायें जन्मजात न होकर विषैली औषधियोंका प्रयोग कराकर तैयार की जाती हैं । रूपवती अनिन्द्य सुन्दरियों को मनोवाञ्छित प्रचुर धन देकर इस कार्यके लिये चुना जाता है, विषैली औषधियों के प्रयोगसे जब वे विषकन्याएं बन जाती हैं तब छल-छन्द से शत्रुपक्ष में जाकर शत्रुपक्ष के प्रमुख एवं विशिष्ट व्यक्तियोंको अपने रूपजाल में फंसाकर उनमें गलित रोग के विषाणु पहुंचा देती हैं, ताकि वे अकाल ही में कालकवलित हो जाँय ।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"ज्योतिष नवनीत" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Jyotish Navneet" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (112 MB)


If you like this book we recommend you to buy it from the original publisher/owner. Thank you.