कंब रामायण हिन्दी पुस्तक | Kamb Ramayan Hindi Book PDF

                                    

Kamb-Ramayan-Hindi-Book-PDF


कंब रामायण हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Kamb Ramayan Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है: कंब रामायण | इस पुस्तक के लेखक हैं : कंबन |  पुस्तक का प्रकाशन किया है : बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 28 MB हैं | पुस्तक में कुल 562 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Kamb Ramayan. This book is written by: Kamban. The book is published by: Bihar Rashtrabhasha Parishad, Patna. Approximate size of the PDF file of this book is 28 MB. This book has a total of 562 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
कंबनधार्मिक,आध्यात्मिक,भक्ति28 MB562



पुस्तक से : 

महर्षि वाल्मीकिने अतिपरिष्कृत और सुन्दर श्लोकों में रामायणकी रचना की है, जो देवताओंके लिए भी कर्णामृत के समान है। उस काव्य में वर्णित कोशल देशकी महिमा, प्रेम से विवश होकर मैं गा रहा हूँ, किन्तु यह कार्य मेरे लिए वैसा ही दुष्कर है, जैसा गूँगे व्यक्तिके लिए बोलने का प्रयास करना । वह कोशल देश बड़ा ही वैभवपूर्ण है, वहाँ के खेतो की मेड़ो पर मोती और नालो के जलमे शंख बिखरे रहते हैं, तीव्र जल धाराओं के किनारों पर सोने के ढेले पड़े रहते हैं, उन नालों में जहाँ भैंसें गोता लगाये पड़ी रहती हैं, रक्तवर्ण के कमल-पुष्प बड़ेही सुन्दर दृश्य उपस्थित करते हैं, जोतने के उपरान्त जब खेत समतल बना दिये जाते हैं, तब वहाँ मणियाँ चमकने लगती हैं, इतना ही नहीं, शालि धान के खेतोंमें जहाँ निरन्तर जलका सिंचाव होता रहता है, हंस आकर विश्राम करने लगते हैं, गन्ने के खेतोमे रक्तवर्ण लाल-लाल मीठा मधु बहता रहता है और पुष्प वाटिकाओं में झुण्ड-के-झुंड मोरे मॅडराते रहते हैं।

 

गभीर ज्ञान से भी उसका स्वरूप तथा अंत नहीं जाना जा सकता, अतः वह प्राचीर वेदोके समान है, उसके अति उन्नत शिखर अपर लोक तक पहुँचते हैं, अतः वह देवी के समान है, पचेन्द्रिय तुल्य बलवान् यंत्रोको अपने वश में रखने के कारण वह मुनियो के समान है, रक्षा करने मे वह हरिणवाहना कन्या ( दुर्गा देवी ) के समान है, शूलायुधो को धारण करनेके कारण वह कालिका के समान है, अपनी विशालता के कारण वह सभी महान् पदार्थों के समान है, किसी के लिए भी अगम्य ( पहुॅच के बाहर ) होनेके कारण वह स्वयं भगवान्के समान है।

 

 

गरिमा-भरे उस अयोध्या नगरमें राजाधिराज दशरथ महाराज राज्य करते थे, उनका नीतिपूर्ण शासन सातों लोकोमे निर्विरोध चलता था, वही सद्धर्म के अवतार चक्रवर्त्ती महाराज दशरथ, इस महान् गाथा के नायक, श्रीरामचन्द्रके योग्य पिता थे। सत्य, ज्ञान, करुणा, क्षमा, पराक्रम, दान, नीतिपरायणता आदि सभी गुण उनके वशीभूत थे । अन्य राजाओंमे ये गुण होते भी हैं, तो वे अपूर्ण ही रहते हैं पर महाराज दशरथके पास वे पूर्णता को पहुँच चुके थे। अपार समुद्र से परिवेष्टित इस धरातल पर ऐसा कोईभी नर नहीं था, जो महाराज के द्वारा प्रवाहित दान-जल से सिंचित न हुआ हो।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"कंब रामायण" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Kamb Ramayan" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (28 MB)


If you like this book we recommend you to buy it from the original publisher/owner. Thank you.