मंत्र महोदधिः (महिधारा) हिन्दी पुस्तक | Mantra Mahodadhi (Mahidhara) Hindi Book PDF

                                             

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मंत्र महोदधिः हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Mantra Mahodadhi Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : मंत्र महोदधिः | इस पुस्तक के लेखक हैं : डॉ. सुधाकर मालवीय |  पुस्तक का प्रकाशन किया है : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 68 MB हैं | पुस्तक में कुल 921 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Mantra Mahodadhi. This book is written by : Dr Sudhakar Malviya. The book is published by : Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 68 MB. This book has a total of 921 pages.


पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
डॉ. सुधाकर मालवीयमंत्र,भक्ति,धर्म68 MB921



पुस्तक से : 

शुद्धि के अनेकों भेद हैं। किस दिशा में मुख करके साधना करनी चाहिए, यह दिवशुद्धि है। किस प्रकार के स्थान में बैठकर साधना करनी चाहिए यह स्थानशुद्धि है। स्नानादि द्वारा शरीरशुद्धि और प्राणायाम आदि द्वारा मन की शुद्धि होती है। कैसे आसन पर बैठना चाहिए जैसे कि चैलासन, मृगचर्मासन, कुशासन या कम्बल आदि इस आसन शुद्धि कहते है। पञ्चाङ्गसेवन अपने इष्ट की गीता, सहस्रनाम स्तव, कवच और हृदय ये पाँच पञ्चाङ्ग कहलाते हैं।

 

परमशिवप्रोक्त तन्त्र आगमों की साधना विधि का नाम 'मन्त्रयोग' है। भारतीय दर्शनों ने वेद तथा आगम (तन्त्र) को ही स्वतः परम प्रमाण माना है। ईश्वर के निःश्वासभूत होने से 'वेदाः प्रमाणम्' और शिवप्रोक्त होने से आगमाः प्रमाणम्' इस प्रकार से कहा गया है।

 

 

तत्रेष्टदेवमावाह्य मुद्रा आवाहनादिकाः । प्रदर्श्य वह्निरूपस्य देवस्य वदने पुनः ॥ मूलेन जुहुयात् पञ्चनेत्रसंख्या घृताहुतीः । वक्त्रकीकरणं त्वग्निर्देवयोस्तेन जायते ॥

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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