योग दर्शन हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Yog Darshan Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : योग दर्शन | इस पुस्तक के लेखक हैं : पण्डित सुखलाल जी | पुस्तक का प्रकाशन किया है : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 5 MB हैं | पुस्तक में कुल 232 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Yog Darshan. This book is written by : Pandit Sukhlal Ji. The book is published by : Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 5 MB. This book has a total of 232 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
---|---|---|---|
पण्डित सुखलाल जी | योग,भक्ति | 5 MB | 232 |
पुस्तक से :
योग दर्शन तो मुख्य रूप से योग विचार का ही ग्रन्थ ठहरा, अतएव उसमें सांगोपांग योग प्रक्रिया की मीमांसाका पाया जाना अत्यंत ही सहज है। योग के स्वरूप के सम्बन्ध में मतभेद नही होने के कारण और उसके प्रतिपादन का उत्तरदायित्व विशेषकर योगदर्शन के उपर होने के कारण ही अन्य दर्शनकारों ने अपने अपने सूत्र ग्रन्थों में थोड़ा सा योग विचार करके विशेष जानकारी के लिये जिज्ञासुओं को योगदर्शन देखनेकी सूचना दे दी है।
योग का उपयोग तो मोक्ष के लिये सदा से ही होता आया है। जो योग उपनिषदों में सूचित और सूत्रों में सूत्रित है, उसकी ही महिमा गीता में भी अनेक रूप से गाइ गइ है। उसमें योग की तान कभी कर्म के साथ तो कभी भक्ति के साथ और कभी कभी ज्ञानके साथ सुनाई देती है। उसके छट्टे और तेरहवें अध्याय में तो योग के मौलिक सिद्धान्त और योग की सारी प्रक्रिया आ जाती है ।
उपविश्यासने युञ्ज्याद् योगमात्मविशुद्धये ॥ समं कायशिरोग्रीवं धारयन्नचलं स्थिरः | संप्रेचय नासिकामं स्वं दिशञ्चानवलोकयन् ॥ प्रशान्तात्मा विगतभीर्ब्रह्मचारिव्रते स्थितः । मनः संयम्य मञ्चित्तो युक्त आसीत मत्परः ॥
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
"योग दर्शन" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |
To download "Yog Darshan" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.