श्री विष्णु सहस्रनाम (गीता प्रेस) हिन्दी पुस्तक | Shri Vishnu Sahasranama (Gita Press) Hindi Book PDF

                                  

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श्री विष्णु सहस्रनाम हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Shri Vishnu Sahasranama Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : श्री विष्णु सहस्रनाम | इस पुस्तक के लेखक हैं : श्री शंकराचार्य | पुस्तक का प्रकाशन किया है : गीता प्रेस, गोरखपुर | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 9 MB हैं | पुस्तक में कुल 290 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Shri Vishnu Sahasranama. This book is written by : Shri Shankaracharya. The book is published by : Gita Press, Gorakhpur. Approximate size of the PDF file of this book is 9 MB. This book has a total of 290 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
श्री शंकराचार्यभक्ति,धार्मिक9 MB290



पुस्तक से : 

समस्त भूतोंका एक ही अन्तरात्मा है, जो सबको वश में करने वाला है और अपने एक ही रूप को नानाप्रकार कर लेता है। अपने अन्तःकरण में स्थित उस देवको जो धीर पुरुष देखते हैं । उन्हींको नित्य-सुख प्राप्त होता है, औरो को नहीं। जो नित्यो का नित्य और चेतनों का चेतन है तथा जो अकेला ही अनेको की कामनाओं को पूर्ण करता है उसे जो धीर पुरुष अपने अन्त: करण में स्थित देखते हैं उन्हें ही नित्य शान्ति प्राप्त होती है।

 

तीनों लोकों के स्वामी, अनुपम प्रभावशाली तथा अनेक रूप से प्रकट होनेवाले भगवान को शिर झुकाकर नम्र भाव से प्रणाम करने से मनुष्य के हजारों महाकल्पो में, जन्म-जन्मान्तरों में किये हुए सम्पूर्ण पाप तुरन्त ही नष्ट हो जाते हैं।

 

 

सूर्यो यथा सर्वलोकस्य चक्षुर्न लिप्यते चर्चा दोषैः । एकस्तथा सर्वभूतान्तगत्मा न लिप्यने लोकदु: ग्वेन बायः || एको वशी सर्वभूतान्तरमा एकं रूपं बहुधा यः करोति।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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