श्रृंगार शतक हिन्दी पुस्तक | Shringar Shatak Hindi Book PDF

                                            

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श्रृंगार शतक हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Shringar Shatak Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : श्रृंगार शतक | इस पुस्तक के लेखक हैं : हरिदास वैद्य |  पुस्तक का प्रकाशन किया है : हरिदास एण्ड कम्पनी, कलकत्ता | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 152 MB हैं | पुस्तक में कुल 544 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Shringar Shatak. This book is written by : Haridas Vaidhya. The book is published by : Haridas And Company, Kolkata. Approximate size of the PDF file of this book is 152 MB. This book has a total of 544 pages.


पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
हरिदास वैद्यसाहित्य152 MB544



पुस्तक से : 

सुरपति और गौतमनारी अहिल्या को कौन नहीं जानता ? अहिल्या परम सुन्दरी थी। देवराज का मन मन पर चल गया। आपने उससे मिलने के बहुत कुछ दांव-पेच लगाये, पर आप सफल न हो पाए । तब आपने एक दिन तीन चार बजे रात को जाने का विचार स्थिर किया; क्योंकि उस समय ऋषि गंगा स्नान को चले जाते थे। आपने चन्द्रमा को अपने साथ लिया; अतः चन्द्रमा ने मुर्गा बनकर द्वार पर कुकड़ कूँ करना आरम्भ किया। ऋषि समझे कि, अब रात का अवसान हो चला है। वे उठकर नहाने चले गये। देवराज उनका रूप घर घर में घुस गये और बातें बनाकर मनमानी की।

 

आपने अपने इसी हथियार से त्रिलोकी को अपने अधीन कर रक्खा है। औरों की क्या चलाई, स्वयं जगत् के रचैता ब्रह्मा, पालनहार विष्णु जी और संहार करनेवाले शिव जी तक को आपने बाक़ी नहीं छोड़ा। यद्यपि भगवान् कामदेव भगवान् विष्णु के पुत्र हैं, पर आप अपने पिता से भी बढ़ गये । ’गुरु गुड़ रहे और चेला चीनी हो गये’ वाली कहावत आपने चरितार्थ किया है। 

 

 

निरोग रहने के लिये इस बात की पहली ज़रूरत है, कि मनुष्य इस बात को समझ ले कि, उसे उसकी किन-किन ग़लतियों से या किन-किन मिथ्या आहार-विहारों से रोग होते हैं। जो इन बातोंको जान लेगा, वह ग़लती क्यों करेगा ? वह मिथ्या आहार विहारों के झंझट पाल कर बीमार क्यों होना चाहेगा ?

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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