सुगंध दशमी व्रत कथा हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Sugandh Dashmi Vrat Katha Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : सुगंध दशमी व्रत कथा | इस पुस्तक के लेखक हैं : खुशालचंद | पुस्तक का प्रकाशन किया है : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 1 MB हैं | पुस्तक में कुल 32 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Sugandh Dashmi Vrat Katha. This book is written by : Khushalchand. The book is published by : Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 1 MB. This book has a total of 32 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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खुशालचंद | धर्म,भक्ति | 1 MB | 32 |
पुस्तक से :
पद्मनाभि जाकौ भूपाल । कीनो वसुं मदको परिहार ॥ सप्त विसनं तजि गुण उपजाय । ऐसे राज करै सुखदाय ॥ श्रीयमती जाके वर नार | निज पतिकूँ अति ही सुखकार || एक समय वनक्रीड़ा हेत । जावैथो निज भूति समेत ॥ पुर नजीकसौं ही जब गयो । निज मनमाहीं आनँद लह्यो । तब ही एक मुनीश्वर आय | मास वास करिकैं तब ताय।
यह सुनि रानी मन इम धरयौ | भोगनमें मुनि अंतर करयौ ॥ दुखकारी पापी मुनि आय । मेरो सुख इन दियो गमाय ॥ प्रनही में दुखी अति घनी । आज्ञा मान चली पतितनी || जाय दियो भोजन ततकाल | आगें और सुनो भूपाल ॥
द्विज कन्याकौं भूप बुलाय । व्रत दशमी सुगंध वरलायं ॥ राय सहाय थकी व्रत करयौ । पूरव पाप-बंध सव हरयौ।।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
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