अघोर पञ्चाङ्ग हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Aghor Panchanga Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : अघोर पञ्चाङ्ग | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं - आनंद कुमार श्रीवास्तव | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : अघोर शोध संस्थान, वाराणसी | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 75 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 168 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Aghor Panchanga. This book is written by : Anand Kumar Shrivastava | The book is published by : Aghor Shodh Sansthan, Varanasi. Approximate size of the PDF file of this book is 75 MB. This book has a total of 168 pages.
पुस्तक के संपादक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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आनंद कुमार श्रीवास्तव | धार्मिक | 75 MB | 168 |
पुस्तक से :
प्रस्तुत संस्करणको तैयार करनेके लिए एक पाण्डुलिपिको आधारभूत मानकर दूसरे पाण्डुलिपिसे सहायता लेकर पाठ निर्धारित किया गया। पाद-टिप्पणी में पाठान्तरका उल्लेख कर दिया गया है।
'क' पाण्डुलिपि तो अघोरपञ्चाङ्ग शीर्षकसे प्राप्त है किन्तु 'ख' पाण्डुलिपि भिन्न-भिन्न स्वतन्त्र ग्रन्थोंका संकलन है। 'क' पाण्डुलिपिकार ने अपने नामका उल्लेख नहीं किया है जबकि 'ख' पाण्डुलिपिकार बैजनाथ द्विवेदी जी हैं।
कुन्हन राजा द्वारा सम्पादित न्यू कैटलागस कैटलागरमके अनुसार इस ग्रन्थकी पाण्डुलिपियाँ भिन्न नामोंसे विभिन्न पुस्तकालयोंमें प्राप्त हैं किन्तु इस ग्रन्थके सम्पादनके लिए दो पाण्डुलिपियाँही उपलब्ध थीं अडयार पुस्तकालय तथा सरस्वती भवन पुस्तकालय।
अघोर शोध संस्थान ग्रन्थमालाका प्रथम पुष्प अघोर पञ्चाङ्गम् शुद्ध पाठ एवं भाषानुवाद समेत सेवार्थ प्रस्तुत करते हुए हमें बड़ा ही आनन्दकी अनुभूति हो रही है। यह भैरव-भैरवी संवादके रूप में रुद्रयामल तन्त्रका एक महत्त्वपूर्ण अंश है। अघोर अर्थात् देवादिदेव भगवान शिव का सौम्य रूप भगवान शिवका एक नाम शिवके पञ्चमुखोंमें से एक मुख साधनाका परम पद।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
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