आनंद लहरी हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Ananda Lahari Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : आनंद लहरी | इस पुस्तक के लेखक हैं : श्री श्यामानंद । पुस्तक का प्रकाशन किया है : श्री रमादत्त शुक्ल | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 15 MB हैं | पुस्तक में कुल 54 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Ananda Lahari. This book is written by : Shri Shyamanand. The book is published by : Shri Ramadatta Shukl. Approximate size of the PDF file of this book is 15 MB. This book has a total of 54 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
---|---|---|---|
श्री श्यामानंद | भक्ति,आध्यात्म | 15 MB | 54 |
पुस्तक से :
सन्तानको उत्पन्न करनेवाली स्त्री है और पुरुष उसका सहकारी मात्र है। इसी प्रकार जगत् का मूल कारण शक्ति है और सहकारी शिव गौण कारण है। निराकार परब्रह्मका रूप शक्तिका है और साकार के रूपमें शक्ति-शिव द्वारा व्यक्त होता है। इस दर्शन में ब्रह्म का बोध धर्मीशक्ति मात्र से होता है। इस सिद्धान्तका समर्थन श्रुतियाँ करती हैं । तात्पर्य यह कि शिव शक्तिसे भिन्न नहीं है।
जैसे वराह भगवान्ने मुर नामक राक्षसको मारकर उसे दाँतसे ऊपर उठाकर जलमग्न पृथ्वीको स्थिर किया, वैसे ही मां भगवती संसाररूपी सागरमें डूबे हुए भक्तोका उद्धार करती है। अर्थात् उसे मोक्ष देकर बार बार जन्मके दुःखसे बचाती है। इसका एक रूप वाराही भी है। सागर से पुरुषार्थ का बोध होता है। धनुः पौष्पं मौर्वी मधुकरमयी पञ्चविशिखा वसन्तः सामन्तो मलयमरुदायोधनरथः । तथाप्येकः सर्वे हिमगिरिसुते कामपि कृपा मपांगात लब्ध्वा जगदिदमनंगो विजयते ।
तुम ज्ञानियों के ज्ञानरूपी अन्धकारके नाश करने वाले ज्ञानरूपी सूर्य हो। तुम बुद्धिहीनों की चैतन्यतारूपी मधु बहाने वाली धारा हो। तुम दरिद्रों की चिन्तामणि की मालाकी मणि और भव सागर में डूबे हुए मुर राक्षसके शत्रु वराह भगवान की दंष्ट्रा हो। धनुः पौष्पं मौर्वी मधुकरमयी पञ्चविशिखा वसन्तः सामन्तो मलयमरुदायोधनरथः । तथाप्येकः सर्वे हिमगिरिसुते कामपि कृपा मपांगात लब्ध्वा जगदिदमनंगो विजयते ।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
"आनंद लहरी" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |
To download "Ananda Lahari" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.