भारत का वृहत् इतिहास हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Bharat Ka Vrahat Itihas Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : भारत का वृहत् इतिहास | इस पुस्तक के लेखक हैं : प्रो. श्रीनेत्र पांडेय | पुस्तक का प्रकाशन किया है : स्टूडेंट्स फ्रेंड्स | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 36 MB हैं | पुस्तक में कुल 416 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Bharat Ka Vrahat Itihas. This book is written by : Pro. Shrinetra Pandey. The book is published by : Students Friends. Approximate size of the PDF file of this book is 36 MB. This book has a total of 416 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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प्रो. श्रीनेत्र पांडेय | इतिहास,भारत | 36 MB | 416 |
पुस्तक से :
अफगानिस्तान के साथ सन्तोषजनक समझौता कर लेने के उपरान्त लार्ड मेयो ने बलूचिस्तान की ओर ध्यान दिया। बलूचिस्तान की समस्या दो प्रकार की थी एक समस्या बाह्य और दूसरी आन्तरिक । बाह्य समस्या का सम्बन्ध बलूचिस्तान तथा फारस की सीमा के कारण से था। यह सीमा अभी तक निर्धारित नहीं हो सकी थी। परिणामस्वरूप दोना राज्यो में निरन्तर संघर्ष चला करता था। सामन्त लोग अपने अधिकारों की रक्षा चाहत थे।
जब कभी भी कोई बड़ा देशी राज्य किसी अल्पवयस्क राजकुमार के अधिकार क्षेत्र में चला जाता था तब लार्ड मेयो ब्रिटिश सरकार का यह परम कर्तव्य समझता था कि वह देशीय अथवा मिश्रित ऐसी संरक्षण समिति की व्यवस्था करे जिससे शासन का सुव्यवस्था हो जाय।
लार्ड मेयो का तीसरा मुख्य कार्य था की तथा व्यय में स्थायी सन्तुलन स्थापित करना। इस कार्यका सम्पादन उसने नये करों को लगाकर तथा व्यय में कमी करके किया। भारत में पदार्पण करते ही उसने आय-कर के लगाने की आयोजना की और फिर उसे कार्यान्वित किया।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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