भारतीय राजनीति हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Bhartiya Rajniti Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : भारतीय राजनीति | इस पुस्तक के लेखक हैं : कृष्ण कुमार | पुस्तक का प्रकाशन किया है : ज्ञानमंडल लिमिटेड, वाराणसी | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 55 MB हैं | पुस्तक में कुल 479 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Bhartiya Rajniti. This book is written by : Krishna Kumar. The book is published by : Gyanmandal Limited, Varanasi. Approximate size of the PDF file of this book is 55 MB. This book has a total of 479 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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कृष्ण कुमार | राजनीति,भारत | 55 MB | 479 |
पुस्तक से :
जब नादिरशाह खुरासान जीतकर फारस और अफगानिस्तान दोनों का मालिक बन गया तब वो हमेशा दो बराबर-बराबर शक्ति की सेनाएँ रखता था। एक में ईरानी व कजलबाश होते थे वहीं दूसरी में अफगान थे। जब ईरानी फौज में बगावत होने का अन्देशा होता तो अफगान फौज उसे दबाने के लिए मौजूद रहती जबकि ईरानी सेना अफगान सेना विद्रोह के दमन के साधन होते थे। अंग्रेजों ने भारत में इस दृष्टान्त के अनुसार काम नहीं किया।
हिन्दू भी उनको राष्ट्रीय नेता मानते थे। उन्हें वे मानपत्र देते थे। वायसराय की कार्य कारिणी के सदस्य की हैसियत से उन्होंने मुसलमानों के साथ कोई पक्षपात नहीं किया। अंग्रेज सरकार से जब कभी वे राजनीतिक अधिकार या सरकारी नौकरियाँ माँगते तब भारतीयों के लिए मांगते, न कि सिर्फ मुसलमानों के लिए।
अखबार मुख्य रूप से अंग्रेजी शिक्षा और अंग्रेजों से सहयोग करने का प्रचार करता था। मक्का के मौलवियों के फतवे सर सैयद के खिलाफ गरज उठे। उन्हें अनेक गुमनाम पत्र मिले, जिनमें अज्ञात लेखकोंबने लिखा था कि हमने कुरान हाथ में लेकर कसम खायी है कि तुम्हें मार दिया जाएगा।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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