बृहत स्तोत्र रत्नाकर पुस्तक | Brihat Stotra Ratnakar Book PDF

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बृहत स्तोत्र रत्नाकर पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Brihat Stotra Ratnakar Book

इस पुस्तक का नाम है : बृहत स्तोत्र रत्नाकर | इस पुस्तक के संपादक हैं : नारायण राम आचार्य | पुस्तक के प्रकाशक हैं : निर्णय सागर प्रेस, मुंबई | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 156 MB हैं | इस पुस्तक में 482 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Brihat Stotra Ratnakar. This book is edited by : Narayan Ram Acharya. The book is published by : Nirnay Sagar Press, Mumbai. Approximate size of the PDF file of this book is 156 MB. This book has 482 pages.

पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
नारायण राम आचार्यधर्म, भक्ति, आध्यात्म156 MB482



पुस्तक के बारे में : 

स्तोत्रों का संकलन पुराण व उपपुराणों से होता है। भारतीय पुराण-ग्रंथ तो एक अनोखा सागर एवं सद्भक्तिवारा का अमिट स्रोत है। उसमें से स्तोत्रों को चुन चुन कर लेना व उपलब्ध पाठों में से शुद्ध पाठ को निश्चित करना आदि इस महान् कार्य में ही काफी समय व्यतीत होता है, यह अनुभवसिद्ध है। स्वयंस्फूर्त सहयोग एक सात्विक ज्ञानयज्ञ है।

 

जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचिता न वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया । तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपम यत्प्र कुरुषे कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥ ४ ॥ परित्यक्त्वा देवान्विविधविधसेवाकुलतया मया पंचाशीतेरधिकमपनीते तु वयसि । इदानीं चेन्मातस्तव यदि कृपा नापि भविता निरालंबो लंबोदरजननि कं यामि शरणम् ॥

 

 

कराग्रेण स्पृष्टं तुहिनगिरिणा वत्सलतया गिरीशेनोदस्तं मुहुरधरपानाकुलतया । करग्राह्यं शम्भोर्मुख मुकुरवृन्तं गिरिसुते ! कथङ्कारं ब्रूमस्तव चिबुकमौपम्यरहितम् ॥ ६७ ॥ भुजालेपान्नित्यं पुरदमयितुः कण्टकवती तब ग्रीवा धत्ते मुखकमल नालश्रियमियम् । स्वतः श्वेता कालागरुबहुलजम्बालमलिना मृणाली लालित्यं वहति यदधो हारलतिका ॥ ६८ ॥

 

मृषा कृत्वा गोत्रस्खलनमथ वैलक्ष्यनमितं ललाटे भर्तारं चरणकमले ताडयति ते । चिरादन्तःशल्यं दहनकृतमुन्मीलितवता तुलाकोटिक्काणैः किलिकिलित मीशानरिपुणा ॥ ८६ ॥ हिमानीहन्तव्यं हिमगिरितटा क्रान्ति चतुरौ निशायां निद्राणां निशि च परभागे च विशदौ । परं लक्ष्मीपात्रं श्रिय मतिसृजन्तौ समयिनां सरोजं त्वत्पादौ जननि ! जयतश्चित्रमिह किम् ॥ ८७ ॥

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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