दुर्गा पूजन प्रयोग सप्तशति सहित - पुस्तक | Durga Pujan Prayog Saptashati Sahit - Book PDF

Durga-Pujan-Prayog-Saptashati-Sahit-Book-PDF


दुर्गा पूजन प्रयोग सप्तशति सहित पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Durga Pujan Prayog Saptashati Sahit Book

इस पुस्तक का नाम है : दुर्गा पूजन प्रयोग सप्तशति सहित | इस पुस्तक के लेखक हैं - पंडित श्री वेणीराम शर्मा गोड़ | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : भार्गव पुस्तकालय, गायघाट, बनारस | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 800 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 408 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Durga Pujan Prayog Saptashati Sahit. This book is  written by : Pandit Shri Venuram Sharma Gaud | The book is published by : Bhargav Pustakalay, Gaighat, Banaras. Approximate size of the PDF file of this book is 800 MB. This book has a total of 408 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
श्री वेणीराम शर्मा गोड़ धर्म, भक्ति800 MB408



पुस्तक से : 

बड़े हर्ष का विषय है कि वेदोक्त 'दुर्गापूजन प्रयोग' नामक पुस्तक के द्वितीय संस्करण को दुर्गाप्रेमियों ने अपनाया और हमारे उत्साह को बढ़ाया। अब यह तीसरा, परिवर्धित तथा विशेष विषयों से संवर्धित संस्करण आप लोगों के करकमलों में समर्पित किया जाता है। इस तीसरे संस्करण में कई विषयों की कमी का अनुभव कर तथा दुर्गापूजन में इन विषयों को अत्यन्त आवश्यक समझ कर बढ़ाया है।

 

'कलौ चण्डीविनायकौ' श्रीजगजननी दुर्गा माताजी की असीम कृपासे वेदोक्त दुर्गापूजन प्रयोग नाम की पुस्तक दुर्गाप्रेमियों को समर्पित की जाती है, क्योंकि वैदिक मन्त्रों से दुर्गापूजनकी कोई भी पुस्तक अब तक नहीं छपी है। इस पुस्तक में गणेशपूजन, गणेशाथर्वशीर्ष, घटस्थापन, षोडशमातृकापूजन, नवग्रहादिपूजन, दुर्गापूजन, देव्यथर्वशीर्ष, और श्रीसूक्तविधान तथा अन्त में हवनप्रयोग भी विधिविधान से रक्खा गया है और भी स्तुति पाठ इसमें दिये गये हैं। यह पुस्तक 'गागर में सागर' का दृष्टान्त चरितार्थ करती है।

 

कृतनित्यक्रियो यजमानः अहते वाससी परिधाय शुद्धासने प्राङ्मुख उपविश्य आदा वाचामेत् । तद्यथा- ॐ ऐं आत्मतत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा ॐ ह्रीं विद्यातत्वं शोधयामि नमः स्वाहा । ॐ क्लीं शिवतत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा । ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सर्वतत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा । ततः “पवित्रेस्थो वैष्णव्यौ” इति मंत्रेण अनामिकयोरेकैकं पवित्रं धृत्वा “पृथिवि त्वया” इति मंत्रेणासनशुद्धिं विधाय प्राणायामं कुर्यात् ।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"दुर्गा पूजन प्रयोग सप्तशति सहित" पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |


To download "Durga Pujan Prayog Saptashati Sahit" book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (800 MB)


If you like this book we recommend you to buy it from the original publisher/owner. Thank you.