दुर्गा सप्तशति ग्रन्थ - हिन्दी टीका सहित | Durga Saptashati Book PDF - with Hindi Translation

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दुर्गा सप्तशति ग्रन्थ के बारे में अधिक जानकारी | More details about Durga Saptashati Book

इस पुस्तक का नाम है : दुर्गा सप्तशति | इस पुस्तक के संपादक/अनुवादक हैं : पंडित चंडिका प्रसाद अवस्थी | पुस्तक के प्रकाशक हैं : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 100 MB हैं | पुस्तक में कुल 300 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Durga Saptashati. This book is edited/translated by : Pandit Chandika Prasad Awasthi. The book is published by : Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 100 MB. This book has a total of 300 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
पंडित चंडिका प्रसाद अवस्थीभक्ति, धर्म, आध्यात्म100 MB300



पुस्तक से : 

मार्कण्डेयजी कहते हैं- निर्मल ज्ञानस्वरूप, वेदत्रयीरूप, दिव्यचक्षु, कल्याण की प्राप्ति के कारणरूप, अर्धचन्द्र धारण करनेवाले महादेवजीको नमस्कार है। १ सप्तशती स्तोत्र का पाठ सब मन्त्रों का निष्कीलन है, यह जानकर इसका पाठ करना चाहिए। यद्यपि दूसरे मन्त्रोंका जप करने से भी मनुष्यों का कल्याण होता है और जप करनेवालोंके उच्चाटन आदि सब काम तथा वस्तुएँ सिद्ध होती हैं, किन्तु सप्तशती स्तोत्रका केवल पाठ करनेसे ही देवी प्रसन्न हो जाती है।

 

इस स्तोत्रका पाठ करनेवाले को अन्य किसी मन्त्र अथवा औषध या साधनकी आवश्यकता नहीं है, दूसरे मन्त्रों का जप किये बिना ही केवल इस स्तोत्र के पाठ से उच्चाटन आदि सब अभीष्ट काम सिद्ध हो जाते हैं.

 

शिवजी को सन्देह हुआ कि मन्त्रोंके जप तथा सप्तशती स्तोत्रके पाठ से मनुष्योंके सब काम सिद्ध हो जायेंगे, इसलिए उन्होंने मन्त्रोंको कील दिया और मनुष्योंसे कहा कि हम इनकी निष्कीलन विधि बताते हैं, उस विधि के अनुसार पाठ करने से इस स्तोत्र का पाठ शुभप्रद होगा. शिवजीने चण्डिका स्तोत्र को ही दूसरे मन्त्रों की अपेक्षा श्रेष्ठ अर्थात् सबका निचोड़ बताया है, क्योंकि इस स्तोत्र पाठके फल की कभी समाप्ति नहीं होती, किन्तु दूसरे मन्त्रोंके जप के फल की समाप्ति हो जाती है, इसलिए उनकी न्यूनता यथार्थ है। दूसरे मन्त्रों का जप करनेवाला मनुष्य भी यदि इस स्तोत्रका पाठ करे तो निस्सन्देह उसका कल्याण होता है, क्योंकि दूसरे मन्त्रोंका निष्कीलन करनेवाला यही स्तोत्र है। 

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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