गुनाहों का देवता हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Gunahon ka Devata Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : गुनाहों का देवता | इस पुस्तक के लेखक हैं : डॉ. धर्मवीर भारती | पुस्तक का प्रकाशन किया है : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 10 MB हैं | पुस्तक में कुल 389 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Gunahon ka Devata. This book is written by : Dr Dharmaveer Bharti. The book is published by : Bharatiya Gyanpeeth Prakashan. Approximate size of the PDF file of this book is 10 MB. This book has a total of 389 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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डॉ. धर्मवीर भारती | कहानी,उपन्यास | 10 MB | 389 |
पुस्तक से :
उसने हाथ की अंगुली काटते हुए कहा और फिर लड़खड़ाता हुआ चला गया। वातावरण इतना भारी हो गया था कि फिर पम्मी और कपूर ने कोई बात नहीं की। पम्मी ने चुपचाप टाइप करना शुरू किया और कपूर चुपचाप बर्टी की बातें सोचता रहा। घण्टे भर बाद जब टाइपराइटर खामोश हुआ तो कपूर ने कहा- “पम्मी, मैंने जितने लोग देखे हैं उन में शायद बर्टी सब से विचित्र है और शायद सब से दयनीय भी।"
उसे यह बात अच्छी तरह मालूम था कि बांस के झाड़ के पीछे किस चीज के फूल हैं। पुराने पीपल पर गिलोय की लतर चढ़ी है। और करौंदे के झाड़ पीछे एक साही की माँद भी है। बहुत पहले नागफनी की झाड़ीके पास एक बार उसने एक लोमड़ी भी देखी थी।
आसमान मे कुछ हलके रुपहरे बादल उड़ रहे थे और जमीनपर बादलोकी साँवली छायाएँ दौड़ रही थी। घासके लम्बे-चौडे मैदान पर बादलों की छायाओ का खेल बड़ा मासूम लग रहा था। जितनी दूर तक छांह रहती थी उतनी दूर तक घासका रंग गहरा काही हो जाता था।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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