हिंदी भाषा और साहित्य हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Hindi Bhasha Aur Sahitya Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : हिंदी भाषा और साहित्य | इस पुस्तक के लेखक हैं : श्यामसुंदर दास | पुस्तक का प्रकाशन किया है : इंडियन प्रेस लिमिटेड, प्रयाग | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 196 MB हैं | पुस्तक में कुल 592 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Hindi Bhasha Aur Sahitya. This book is written by : Shyamsundar Das. The book is published by : Indian Press Limited, Prayag. Approximate size of the PDF file of this book is 196 MB. This book has a total of 592 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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श्यामसुंदर दास | भाषा,साहित्य | 196 MB | 592 |
पुस्तक से :
इटावा, मथुरा और आगरा आदि व्रज भाषाके प्रधान क्षेत्र हैं। यह ग्वालियर के उत्तर-पश्चिमी विभाग और भरतपुर तथा काँकरौली में भी बोली जाती है। अधिक पश्चिम अथवा दक्षिण जाने पर यही राजस्थानी का रूप धारण कर लेती है। इस भाषा की उत्पत्ति शौरसेनी प्राकृत से है। इसका प्राचीन प्रसिद्ध साहित्य अवधीके साहित्य से भी अधिक और बढ़ा चढ़ा है। उत्तर भारतके इधर चार से पाँच सौ वर्षों के अधिकांश कवियों ने इसी भाषा में कविताएँ लिखी हैं।
हिसार के आस पास के हरियाना प्रांत की बोली "हरियानी" कहलाती है, और रोहतक, दिल्ली तथा करनाल की भाषा हिंदी मानी जाती है इसके भाषी मुख्यतः जाट हैं, इसलिये इसे जादू भी कहते हैं। जिस क्षेत्र में यह बोली जाती है, उसका नाम बाँगड़ है, इसलिये इसे बाँगडू भी कहते हैं।
इन तीनों बोलियों के विकास और उन्नति के संबंध में हमें यह बात ध्यान में रखना चाहिए कि मैथिली और मगही दोनों बोली बोलनेवाले लोग पुरानी लकीर के फकीर हैं और वे सहसा कोई नई बात ग्रहण नहीं करते। पर भोजपुरी बोली बोलनेवाले लोग उद्यमी और कियाशील होते हैं।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
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