मानसिक दक्षता हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Mansik Dakshata Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : मानसिक दक्षता | इस पुस्तक के लेखक हैं : श्री राजेंद्र बिहारी लाल | पुस्तक के प्रकाशक हैं : गीता प्रेस, गोरखपुर | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 108 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 352 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Mansik Dakshata. This book is written by : Shri Rajendra Bihari Lal. The book is published by : Gita Press, Gorakhpur. Approximate size of the PDF file of this book is 108 MB. This book has a total of 352 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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राजेंद्र बिहारी लाल | विद्यार्थी, मनोविज्ञान, चिल्ड्रन | 108 MB | 352 |
पुस्तक से :
संसार में सुख, सफलता और समृद्धि पाने के लिये मानसिक वल और कार्य क्षमताकी आवश्यकता होती है । आर्थिक, व्यावसायिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में उन्नति उन्हीं जातियों ने की है जिन्होंने समुचित शिक्षाद्वारा अपने सदस्यों की मानसिक दक्षता बड़ी ऊँची कोटितक बढ़ा ली है। मानसिक दक्षता केवल भौतिक और आर्थिक क्षेत्रों में ही नहीं वरं धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों के लिये भी अत्यन्त आवश्यक है।
एक सुशिक्षित और परिष्कृत मन के बिना जहाँ मनुष्य जीवन का कारोबार नहीं चल सकता, वहाँ आत्माका विकास भी नहीं हो सकता। जानवरों, बालकों या अल्प बुद्धिवाले मनुष्योंसे यह कैसे आशा की जा सकती है कि वे धर्मके सूक्ष्म तत्वोंको समझ सकेंगे या अध्यात्म के मार्गपर अग्रसर हो सकेंगे?
इस विषय पर मनोविज्ञानाचार्य बड़ा अनुसंधान कर रहे हैं। यद्यपि उन्हें अभी तक किसी ऐसी तरकीब का पता नहीं चला है जिससे जन्म-जात बुद्धिकी मात्रामें वृद्धि की जा सके, पर उन्होंने ऐसी अनेक बातें खोज निकाली हैं जिनके करने से कोई भी व्यक्ति अपने मस्तिष्क की योग्यता बढ़ा सकता है । इस पुस्तक में व्यावहारिक मनोविज्ञान की बतायी हुई उन शिक्षाओंका संकलन किया गया है जो प्रयोग और अनुभवद्वारा गुणकारी सिद्ध की जा चुकी हैं।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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