मार्गशीर्ष मास महात्म्य - हिन्दी पुस्तक पीडीएफ | Margashirsha Maas Mahatmya - Hindi Book PDF

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मार्गशीर्ष मास महात्म्य हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Margashirsha Maas Mahatmya Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : मार्गशीर्ष मास महात्म्य | इस पुस्तक के संपादक/अनुवादक हैं - ज्योतिषाचार्य पंडित जगन्नाथ शर्मा | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : देहाती पुस्तक भंडार, दिल्ली | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 77 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 148 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Margashirsha Maas Mahatmya. This book is written/edited by : Astrologist Pandit Jagannath Sharma | The book is published by : Dehati Pustak Bandar, Delhi. Approximate size of the PDF file of this book is 77 MB. This book has a total of 148 pages.


पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
पंडित जगन्नाथ शर्मा  धर्म, भक्ति77 MB148



पुस्तक से : 

एक समय नैमिषारण्य तीर्थमें सूतजी महाराज शौनक आदि ऋषियों से कहते हैं कि हे ऋषिगण! इस जगत के सब प्राणियों के आनन्द दाता, मुक्ति और मुक्तिको देने वाले, देवकी के पुत्र भगवान् माधव श्रीकृष्णचंद्रको मैं नमस्कार करता हूं।

 

ऊपर को उठा हो, सुन्दर हो, सीधा हो, पतला हो, पार्श्व भाग सुन्दर हो और मन को मुग्ध करने वाला हो यह उत्तम तिलक कहा गया है और जो बिना छिद्र का तिलक धारण करते हैं वे द्विजों में अधम हैं.

 

इसलिए अपनी भलाई चाहने वाला पुरुष मेरे शरीर और उसके शरीर में कुछ भी अन्तर न समझे जिसके शरीर में मेरे अवतारोंके चिन्ह देखने में आवें उनको मेरा शरीर ही जानना चाहिए। उसका पापकर्म भी पुण्यमें परिवर्तन हो जाता है। इस कलियुगके समय जिसके शरीर में मेरे आयुधों के चिन्ह देखने में आवें वे मेरे ही रूप हैं।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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