नाथ और संत साहित्य हिन्दी पुस्तक | Nath Aur Sant Sahitya Hindi Book PDF

                                  

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नाथ और संत साहित्य हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Nath Aur Sant Sahitya Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : नाथ और संत साहित्य | इस पुस्तक के लेखक हैं : नागेन्द्र नाथ उपाध्याय । पुस्तक का प्रकाशन किया है : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रकाशन | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 239 MB हैं | पुस्तक में कुल 727 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Nath Aur Sant Sahitya. This book is written by : Nagendra Nath Upadhyay. The book is published by : Kashi Hindu Vishwavidyalaya. Approximate size of the PDF file of this book is 239 MB. This book has a total of 727 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
नागेन्द्र नाथ उपाध्यायसाहित्य,भक्ति,धर्म239 MB727



पुस्तक से : 

गोरक्ष ने ही चौरासी सिद्धों और नव नाथों के विषय में संदेह कर कहा है कि इन लोगों ने योग का पार नहीं पाया। ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ चौरासी सिद्ध नव नाथ पद से गोरक्ष का अभिप्राय बौद्ध सिद्धों और तांत्रिक नव नाथों से है। इस युग के मुख्य उपास्य विष्णु या उनके विभिन्न रूप, शिव, शक्ति, ब्रह्मा आदि थे। विष्णु, ब्रह्मा, शिव, शक्ति, पार्वती आदि पूर्ण हैं। ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, उमापति आदि नामों से जिन देवताओं का बोध कराया जाता है तथा जिनकी पूजा की जाती है, वे परमतत्व की विभिन्न अभिव्यक्तियाँ हैं।

 

जैसे बौद्धों और शैवों का परस्पर आदान-प्रदान प्राचीन युग में संभव हुआ था, उसी प्रकार इस में भी हुआ। इसमें विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक परिस्थितियाँ सहायक हुई। विभिन्न क्षेत्रों में दोनों प्रमुख संप्रदाय सहयोग करते हुए जीवित रहे। विशेषकर उत्तरी शैवों में ज्ञान और योग मुख्य साधनोपाय हैं किंतु तंत्रों की साधनपद्धति में मंत्र, यंत्र, योग आदि साधनोपाय के रूप में स्वीकृत हैं।

 

 

कबीर की रचनाओं से पता लगता है कि उनके समय में जोगी, जंगम, बैरागी, जटाधारी, जैन, चार्वाक, कार्पटिक, जती, औघड़, शाक्त, संन्यासी आदि वर्तमान थे। जोगी और जंगम झूठी आशा हैं। जटाधारी भी मरता है। बैरागी प्रपंचग्रस्त, सचित तथा कामी मिलते हैं। जैन और बौद्ध अहिंसावादी है, पर फिर भी वे किसी न किसी प्रकार से हिंसा करते हैं।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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