नित्य स्तुति पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Nitya Stuti Book
इस पुस्तक का नाम है : नित्य स्तुति | इस पुस्तक के लेखक हैं : स्वामी रामसुखदास | पुस्तक का प्रकाशन किया है : गीता प्रेस, गोरखपुर | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 13 MB हैं | पुस्तक में कुल 36 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Nitya Stuti. This book is written by : Swami Ramsukhdas. The book is published by : Gita Press, Gorakhpur. Approximate size of the PDF file of this book is 13 MB. This book has a total of 36 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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जयदयाल गोयन्दका | भक्ति, आध्यात्म, धर्म | 13 MB | 36 |
पुस्तक से :
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थ जम्बूफलचारुभक्षणम् ।उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥ कार्पण्यदोषोपहतस्वभावः पृच्छामि त्वां धर्मसंमूढचेताः । यच्छ्रेयः स्यान्निचितं ब्रूहि तन्मे शिष्यरतेऽहं शाधि मां त्वां प्रपन्नम् ॥ कविं पुराणमनुशासितार मणोरणीयांसमनुस्मरेद्यः । सर्वस्य धातारमचिन्त्यरूप मादित्यवर्ण तमसः परस्तात् ॥
त्वमक्षरं परमं वेदितव्यं त्वमस्य विश्वस्य परं निधानम् । त्वमव्ययः शाश्वतधर्मगोप्ता सनातनस्त्वं पुरुषो मतो मे ॥ अनादिमध्यान्तमनन्तवीर्य-मनन्तवाहुं शशिसूर्यनेत्रम् । पश्यामि त्वां दीप्तहुताशवक्त्रं स्वतेजसा विश्वमिदं तपन्तम् ॥ रुद्रादित्या वसवो ये च साध्या विश्वेऽश्विनौ मरुतोष्मपाश्च । गन्धर्व यक्षासुरसिद्ध संघा वीक्षन्ते त्वां विस्मिताश्चैव सर्वे ॥ स्थाने हृषीकेश तव प्रकीर्त्या जगत्महष्यत्यनुरज्यते रक्षांसि भीतानि दिशो द्रवन्ति च। सर्वे नमस्यन्ति च सिद्धसंघाः ॥
वायुर्यमोऽग्निर्वरुणः शशाङ्क: प्रजापतिस्त्वं प्रपितामहश्च । नमो नमस्तेऽस्तु सहस्रकृत्वः पुनश्च भूयोऽपि नमो नमस्ते ॥ नमः पुरस्तादथ पृष्ठतस्ते नमोऽस्तु ते सर्वत एव सर्व । अनन्तवीर्यामितविक्रमस्त्वं सर्वं समाप्नोषि ततोऽसि सर्वः॥ सखेति मत्वा प्रसभं यदुक्तं हे कृष्ण हे यादव हे सखेति । अजानता महिमानं तवेदं मया प्रमादात्मणयेन वापि ॥
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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