रामाज्ञा प्रश्न हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Ramagya Prashna Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : रामाज्ञा प्रश्न | इस पुस्तक के लेखक हैं : श्री गोस्वामी तुलसीदास | पुस्तक के प्रकाशक हैं : गीता प्रेस, गोरखपुर | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 35 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 106 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Ramagya Prashna. Author of this book is : Shri Goswami Tulsidas. The book is published by : Gita Press, Gorakhpur. Approximate size of the PDF file of this book is 35 MB. This book has a total of 106 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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श्री गोस्वामी तुलसीदास | भक्ति, धर्म | 35 MB | 106 |
पुस्तक से :
कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदासजी ने अपने परिचित गंगाराम ज्योतिषी के लिये इस रामाज्ञा प्रश्न की रचना की थी। गंगागम ज्योतिषी काशीमें प्रह्लादघाडार रहते थे । वे प्रतिदिन सायंकाल श्रीगोस्वामीजी के साथ हो संध्या करने गङ्गातटपर जाया करते थे । एक दिन गोस्वामीजी संध्या-समय उनके द्वारपर आये तो गंगाराम जीने कहा-'आप पधारें, मैं आज गङ्गा-किनारे नहीं जा सकूँगा।'
एक दिन में तीनसे अधिक प्रश्न नहीं करना चाहिये और एक प्रश्न केवल एक बार ही करना चाहिये । प्रश्न जिस प्रकारका है, दोहा उसी प्रकारका निकले तो कार्यमें सफलता समझनी चाहिये । दोहेमें अशुभकी सूचना हो तो वह कार्य सफल नहीं होगा या उससे कष्ट होगा, यह समझना चाहिये।
यह ग्रन्थ सात सर्गो में समाप्त हुआ है। प्रत्येक सर्ग में सात-सात सप्तक हैं और प्रत्येक सप्तक में सात-सात दोहे हैं। इसमें श्रीरामचरितमानसकी कथा वर्णित है; किन्तु क्रम भिन्न हैं। प्रथम सर्ग तथा चतुर्थ सर्ग में बालकाण्ड की कथा है। द्वितीय सर्ग में अयोध्याकाण्ड तथा कुछ अरण्यकाण्ड की भी । तृतीय सर्ग में अरण्यकाण्ड तथा किष्किन्धाकाण्ड की कथा है । पञ्चम सर्ग में सुन्दरकाण्ड तथा लंकाकाण्ड की, षष्ठ सर्ग में राज्याभिषेक की कथा तथा कुछ अन्य कथाएँ हैं। सप्तम सर्ग में स्फुट दोहे हैं और शकुन देखने की विधि है।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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