रुद्राक्ष महात्म्य और धारण विधि हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Rudraksha Mahatmya aur Dharan Vidhi Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : रुद्राक्ष महात्म्य और धारण विधि | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : बाबा औघर नाथ तपस्वी | पुस्तक के प्रकाशक हैं : गर्ग प्रकाशन मंदिर, मथुरा | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 20 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 84 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Rudraksha Mahatmya aur Dharan Vidhi. Author/Editor of this book is : Baba Aughar Nath Tapaswi. The book is published by : Garg Publication Mandir, Mathura. Approximate size of the PDF file of this book is 20 MB. This book has a total of 84 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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बाबा औघर नाथ तपस्वी | भक्ति, धर्म | 20 MB | 84 |
पुस्तक से :
इस पुस्तक की सामग्री का संग्रह निम्नलिखित पुरातन ग्रन्थों से किया गया है: १. श्री शिव महापुराण भाषा-टीका, २. श्री मद्देवीभागवत पुराण भाषा-टीका, ३. निर्णय सिन्धु भाषा-टीका, ४. रुद्राक्ष धारण विधि.
रुद्राक्ष धारण करने से वह निःसंदेह रुद्र हो हो जाता है। निषिद्धों को देखता, सुनता, स्मरण करता हुआ, सूँघता, खांता, प्रलाप करता, गमन और विसर्जन में इन निषिद्ध कर्मों को करता हुआ रुद्राक्ष धारण करने वालेको पाप नहीं लगता। रुद्राक्ष कुण्डलिनी जागृत करने में सहायता करता है. रुद्राक्ष शारीरिक व्याधियों का शमन करता है। रुद्राक्ष मन को शान्ति प्रदान करता है। रुद्राक्ष गृहस्थियों के लिए अर्थ और काम का दाता है।
उच्चरक्तचाप अर्थात् हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) के रोगियों के लिए रुद्राक्ष धारण करना वरदान के समान है। यह रक्तचाप को नियन्त्रित रखता है। इसके लिए ये आवश्यक है कि रुद्राक्षकी माला रोगी के हृदय तक की हो । रुद्राक्ष का केवल एक भी दाना यदि रोगी के हृदय से छूता हुआ रहेगा तो वह भी उतना ही प्रभाव रखता है जितना कि एक पूरी माला । यह रोगी के शरीर की गर्मी को अपने में खींचकर उसे बाहर फेंकता है ।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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