सांख्यिकी के मूल तत्व हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Sankhyiki Ke Mool Tatva Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : सांख्यिकी के मूल तत्व | इस पुस्तक के लेखक हैं : कैलाश नाथ नागर | पुस्तक का प्रकाशन किया है : मीनाक्षी प्रकाशन, मेरठ | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 20 MB हैं | पुस्तक में कुल 876 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Sankhyiki Ke Mool Tatva. This book is written by : Kailash Nath Nagar. The book is published by : Meenakshi Prakashan, Meerut. Approximate size of the PDF file of this book is 20 MB. This book has a total of 876 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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कैलाश नाथ नागर | गणित | 20 MB | 876 |
पुस्तक से :
आधुनिक युग में ज्ञान-विज्ञान के सभी क्षेत्रों में सांख्यिकीय नियमो और उसके व्यापक अनुप्रयोगों का महत्त्व निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। विभिन्न विषयों में उच्च स्तरीय शोध कार्य तथा महत्त्वपूर्ण निर्णय काफी हद तक, उपलब्ध समंकों के सांख्यिकीय विश्लेषण पर ही आधारित होते है । अतः किसी भी विषय का गहन अध्ययन करने वाले विद्यार्थी के लिए सांख्यिकी की मौलिक रीतियों का यथेष्ट ज्ञान प्राप्त करना अतिआवश्यक हो गया है।
ज्ञान-विज्ञान की किसी भी शाखा से सम्बन्धित तथ्यों को संख्यायो के रूप में संकलित करके प्रस्तुत करने, उनका वैज्ञानिक विश्लेषण करने तथा उनसे तर्कपूर्ण निष्कर्ष निकालने की क्रियाओं का विधिवत् अध्ययन सांख्यिकी-विज्ञान के अन्तर्गत किया जाता है।
संख्याओं के आधार पर ज्ञान को स्पष्ट एवं निश्चयात्मक सूद्ध में व्यक्त किया जा सकता है। जो ज्ञान संख्यात्मक तथ्यों पर आधारित नहीं होता उसे वास्तव में 'ज्ञान' कहा ही नहीं जा सकता है । मानव की चन्द्र विजय बीसवीं शताब्दी की सबसे महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि है।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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