श्री कल्कि पुराण हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Shri kalki Puran Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : श्री कल्कि पुराण | इस पुस्तक के लेखक हैं : महर्षि वेद व्यास । पुस्तक का प्रकाशन किया है : श्री कल्कि बाल वाटिका | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 1 MB हैं | पुस्तक में कुल 260 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Shri kalki Puran. This book is written by : Maharshi Ved Vyas. The book is published by : Shri Kalki Bal Vatika. Approximate size of the PDF file of this book is 1 MB. This book has a total of 260 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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महर्षि वेद व्यास | भक्ति,धर्म,पुराण | 1 MB | 260 |
पुस्तक से :
आज के दिन अगर हम चारो तरफ नजर डालें तो हम देखेंगे कि शास्त्रोंमें कलयुगके चौथे चरण के जो लक्षण बताए गए हैं वो सब इस प्रथम चरण में ही पूरे होने के करीब आ गए हैं। धर्म, सत्य, दया, क्षमा, पवित्रता, आयु का लोप हो गया है, धनी और पाखण्डी लोग ही समाज में श्रेष्ठ हो गए हैं, प्रकृति असंतुलित हो गई है, कहीं अतिवृष्टि तो कहीं अनावृष्टि, चारो ओर आसुरी शक्तियोंके प्रहारसे हाहाकार मचा हुआ है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है,यह भूमि ऋषियों मुनियोंकी तपोभूमि है। गाय और बैल कृषिके साथ साथ आध्यात्मिकता और हमारे दैनिक जीवन से भी जुड़े है। सनातन धर्ममें तो द्वापर युगमें गौमाता और भगवान कृष्णका इतना स्नेह संबंध रहा था कि श्रीकृष्णने बाल्यकालसे ही गैया चराई और उनका नाम भी गोपाल पड़ गया।
जब व्यक्ति विशेष भगवान कल्किकी आराधना करना आरंभ कर देता है तो सोते हुए स्वप्नमें कुछ दिखाई देता है अथवा कोई वाणी सुनाई देती है, और वह सो कर उठने के बाद भी उसे पूरी तरहसे याद रहती है। इन स्वप्नों अथवा वाणीमें उस व्यक्तिके जीवनमें आगे आने वाला उत्थान अथवा परेशानियोंसे निकलने के लिए मार्गदर्शन रहता है।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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