श्यामा - रहस्यम पुस्तक | Shyama Rahasyam Book PDF

                                  

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श्यामा - रहस्यम संस्कृत पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Shyama Rahasyam Sanskrit Book

इस पुस्तक का नाम है : श्यामा - रहस्यम | इस पुस्तक के लेखक हैं : श्री पूर्णानंद गिरी परमहंस । पुस्तक का प्रकाशन किया है : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 82 MB हैं | पुस्तक में कुल 216 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Shyama Rahasyam. This book is written by : Shri Purnanand Giri Paramhans. The book is published by : Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 82 MB. This book has a total of 216 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
श्री पूर्णानंद गिरी परमहंसभक्ति,धर्म82 MB216



पुस्तक से : 

तत आचमनं कृत्वा सामान्यार्घ्यं प्रकल्पयेत् । त्रिकोणहत्तभूविम्ब मण्डलं रचयेत् सुधीः ॥ आधारशक्ति संपूज्य तत्राधारं विनिक्षिपेत् । अस्वमन्त्रेण संशोध्य हृन्मन्त्रेण प्रपूरयेत् ॥ तिक्षिपेत्तोर्थमावाह्य गन्धादौन् प्रणवेन तु ।

 

त्वचं वा यौवनस्थानां कुर्य्यादौरवरासनम् । श्मशान काष्ठघटितं पीठं वा यज्ञदारुजम् ॥ न दीचितो विशेज्जातु कृष्णसाराजिने गृही। उदासीनवनासीनस्नातकब्रह्मचारिणः ॥ कुशाजिनाम्बरेणाव्य चतुरस्त्रं समन्ततः ।

 

 

नानाविधानि पुष्पाणि गन्ध्यामि विविधानि च । कर्पू रजातोधूपादिवासितं पटवासितम् ॥ ताम्बूलं देयद्रव्यञ्च धूपदीपादिकञ्च यत् । सर्वालङ्कारभूषाभिर्भूषितः कौलिकेश्वरः ॥ मूलमन्वजप्ततोयैः प्रोक्षितं स्थापयेत्ततः ।

 

दुष्टसत्त्वा विनश्यन्ति शत्रवो यान्ति मित्रताम् । कवितालहरो तस्य द्राक्षारसपरम्परा ॥ अणिमाद्यष्टसिद्धिस्तु तस्य हस्ते व्यवस्थिता । कायिकं वाचिकं बापि मानसञ्चापि दुरूतम् ॥ 
 

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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