सिद्ध प्रयोग हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Siddha Prayog Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : सिद्ध प्रयोग | इस पुस्तक के लेखक हैं : पंडित विश्वेश्वर दयालु । पुस्तक का प्रकाशन किया है : श्री हारहर प्रेस | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 64 MB हैं | पुस्तक में कुल 129 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Siddha Prayog. This book is written by : Pandit Vishveshvar Dayalu. The book is published by : Shri Harhar Press. Approximate size of the PDF file of this book is 64 MB. This book has a total of 129 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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पंडित विश्वेश्वर दयालु | भक्ति,मंत्र | 64 MB | 129 |
पुस्तक से :
शरद ऋतु में घास के ऊपर एक छोटा सा कीड़ा हरे रंग का रहता है और हर समय उसके मुख से फेन निकलता रहता है। वह कीड़ा भी उसी फेन के भीतर रहता है उस फेन को प्रातःकाल कटोरी में लेकर बारीक वस्त्र से छानकर उस कीट को फेक देवे शेष फेन "कीट निष्ठोवन" कहलाता है। अब इस निष्ठोवन में अफीम केशर, समान भाग लेकर घोंटकर रख ले। दो चावल की मात्रा से खिला देने से फौरन दस्त बन्द हो जाएंगे। यही रसगंगाधर चूर्ण में मिला कर खिलावे तो शीघ्र अतिसार को नष्ट करता है।
ऊपर कहे तीनों स्वरसों में मिश्री मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं एवं पकती हुई चाशनी में ६ मा० सफेद मिर्च पीसकर डाले, और पकते हुए जब आधा रस रह जाये तब उसमें अफीम बारीक पीसकर डाल दे और बाकी बचा चूर्ण भी डालकर मन्द आंच से पकवे, जब चाशनी ठीक बन जाये तब उतार कर स्वत शीत होने पर शीशियों में भर लेवे तथा उसमें मजबूत कार्क लगाकर रख दे।
जीरंश्वेतंत्रीजमेलाभवश्व ग्राह्यम् चतुष्कंफलं सर्वमेतद् । तन्मानास्या दूषणा तत्रज्ञेया घटतोलं स्यादैवपुष्पं नवीनम् ।। सोबच लन्तु द्विपलं तत्रप्रोक्तंपथ्यायोज्या पञ्जतोलोन्मितावै । ऊपोदेति भेषज साईसेटके तस्यास्तु षड गुणं बारिदेयम् ॥
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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