सूर्य पुराण (गोस्वामी तुलसीदास) हिन्दी पुस्तक | Surya Puran (Goswami Tulsidas) Hindi Book PDF

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सूर्य पुराण हिन्दी ग्रन्थ के बारे में अधिक जानकारी | More details about Surya Puran Hindi Book

इस ग्रन्थ का नाम है : सूर्य पुराण | इस पुस्तक के रचनाकार हैं : श्री गोस्वामी तुलसीदास. इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : ठाकुर प्रसाद एंड सन्स बुकसेलर, वाराणसी. इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 45 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 40 पृष्ठ हैं |

Name of the book is: Surya Puran | This book is written by : Shri Goswami Tulsidas. This book is published by : Thakur Prasad and Sons Booksellers, Varanasi. Approximate size of the PDF file of this book is: 45 MB. This book has a total of 40 pages.

पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
श्री गोस्वामी तुलसीदासपुराण, धर्म, भक्ति45 MB40


पुस्तक से :

सूर्य देवता सुमिरौं तोहीं सुमिरत ज्ञान बुद्धि दो माहीं ॥ ज्योति स्वरूप भानु बलवाना | तेज प्रताप हैं अग्नि समाना || तुम आदित परमेश्वर स्वामी | अलख निरञ्जन अन्तर्यामी || ॥ . बरनि न जाई ज्योति कर लोला । धर्म धुरंधर परम सुशीला ॥ ज्योति कला चहुँ ओर विराजै । जगमग कालन कुण्डल बाजै ॥ नील बरण वर हय असवारी। ज्ञोन निधान धर्म व्रतधारी ॥ तालु कथा मैं कहीं बखानी । पुरुषोत्तम आनंदघन ज्ञानी ॥ आादित महिमा अगम अपारा । तीन भुवन जेहि छनि उजियारा ||

 

ऐसो महिमा यादित देवा । करहिं जासु सुर नर मुनिसेवा || मिटे गाढ़ निश्चय मन लासू | पुलक प्रेम मन हरष हुलासू | दीना नाथ निरंजन साई । | महिमा जाकर बरनि न जाई || सूर्य कथा में कहौं बखानी । मन स्थिर करि सुनहु भवानी ॥ करै दण्डवत अरु व्रत ध्याना। सो तनु ले यहि कथा समाना ॥ तेज प्रताप बरनि नहि जाई । सूर्य चरित्र सुनहु मन लाई भ कहाँ सुभगं यह कथा पुनीता । रवि प्रताप मैं भयो अजीता


तहाँ पुनीत धर्म चर नारी । तासु भुवन एक सुता कुमारी || सो नित करें भानु की पूजा । सेवें सूर्य और नहिं दूजा ॥ श्रद्धा नेम कथा मन बाई । नेम, करे हर्ष सो शुभ दिन राई || तासु भवन प्रभु करें कलेवा । तोन लोक नहिं जाने सेवा ॥ एक समय अति अचरज भयऊ । सुरसरी तीर गमन तेहि ठयऊ । चीर उतारि भूमि पर धरेऊ । कन्या पग जल भीतर करेऊ ॥ मज्जन करन लाग सो बाला । हिये विराजत मोती माला ॥ तेहि अवसर नारद मुनि आये । कन्या देखि परम सुख पाये.

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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