उपासना के दो चरण जप और ध्यान - श्रीराम शर्मा आचार्य | Upasana ke Do Charan Jap aur Dhyan - Shriram Sharma Acharya PDF

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उपासना के दो चरण जप और ध्यान हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Upasana ke Do Charan Jap aur Dhyan Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : उपासना के दो चरण जप और ध्यान | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं - पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : युग निर्माण योजना विस्तार ट्रस्ट, गायत्री तपोभूमि, मथुरा | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 2 MB हैं | इस पुस्तक में कुल 41 पृष्ठ हैं |

Name of the book is : Upasana ke Do Charan Jap aur Dhyan. This book is written/edited by : Pandit Shriram Sharma Acharya | The book is published by : Yug Nirman Yojana Vistar Trust, Gayatri Tapobhumi, Mathura. Approximate size of the PDF file of this book is 2 MB. This book has a total of 41 pages.



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श्रीराम शर्मा आचार्य अध्यात्म, धर्म, योग2 MB41


पुस्तक से : 

साधना की अन्तिम स्थिति में शारीरिक या मानसिक कोई कृत्य करना शेष नहीं रहता। मात्र अनुभूति, सवेदना, भावना तथा संकल्प शक्ति के सहारे विचार रहित शून्यावस्था प्राप्त की जाती है। इसी को समाधि अथवा तुरीयावस्था कहते हैं।

 

चेतना को प्रशिक्षित करने के लिए मनोविज्ञान शास्त्र में चार आधार और स्तर बताये गये हैं। इनमें प्रथम है- शिक्षण, जिसे अंग्रेजी में 'लर्निंग' कहते हैं। स्कूल के बच्चोंको इसी स्तर पर पढ़ाया जाता है। उन्हें तरह-तरह की जानकारियाँ दी जाती हैं उन जानकारियोंको सुन लेने भर से काम नहीं चलता। विद्यार्थी उन्हें बार-बार दुहराते हैं।

 

भगवत स्मरण उपासना का प्रधान अंग है । नाम के आधार पर ही किसी सत्ता का बोध और स्मरण हमें होता है । ईश्वरको स्मृति पटल पर प्रतिष्ठापित करने के लिए उसके नाम का सहारा लेना पड़ता है। स्मरण से आह्वान, आह्वान से स्थापना और स्थापना से उपलब्धि का क्रम चल पड़ना मनोविज्ञान शास्त्र द्वारा समर्थित है।

 

उच्चस्तरीय साधना क्रम में मध्यवर्ती विधानके अन्तर्गत प्रधानतया दो कृत्य आते हैं (१) जप (२) ध्यान। न केवल भारतीय परम्परामें वरन् समस्त विश्व के विभिन्न साधना प्रचलनोंमें भी किसी न किसी रूप में इन्हीं दो का सहारा लिया गया है। प्रकार कई हो सकते हैं, पर उन्हें इन दो वर्गोंके ही अंग-प्रत्यंग के रूप में देखा जा सकता है ।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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