विज्ञान भैरव हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Vigyan Bhairav Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : विज्ञान भैरव | इस पुस्तक के लेखक हैं : श्री बापूलाल । पुस्तक का प्रकाशन किया है : चौखंबा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 32 MB हैं | पुस्तक में कुल 213 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Vigyan Bhairav. This book is written by : Shri Bapulal. The book is published by : Chaukhamba Surbharati Prakashan, Varanasi. Approximate size of the PDF file of this book is 32 MB. This book has a total of 213 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
---|---|---|---|
श्री बापूलाल | भक्ति,धर्म | 32 MB | 213 |
पुस्तक से :
यह एक विभाग विमर्श स्पर्श करनेसे अथवा एकका दूसरे से भेदत्याग से या प्रमेयत्याग से उत्पन्न होने वाले प्रमाता तत्त्व अहं भावनासे जो कुछ वास्तविक परमात्म तत्त्व है, उसको समझाइए। जिससे दर्पण में प्रतिबिम्बित यह सम्पूर्ण संसार उस अद्वैततत्त्व से अभिन्न है और वह मुझसे भी अभिन्न है, मेरा ऐसा वास्तविक स्वरूप मुझे निर्णीत हो जाय तथा जिससे भेद-भावना दूर होकर आत्मा और जगत् की एकतासे अभेदभाव प्रतिपादित हो सके।
आशय यह है कि अदृष्ट रुद्र शक्ति-रूप, शान्त परम शिवसे उत्पन्न होने वाले परम दुर्लभ शास्त्र जो कि 'शिव' 'शक्ति' और 'सदाशिव' इस 'त्रिशक्ति' से उत्पन्न होने वाला इच्छा, ज्ञान और क्रियाशक्ति प्राधान्य 'शिवाद्वेद अद्वय प्रतिपादक सम्पूर्ण शास्त्र और उसमें भी सार का भी सार जो त्रिक शास्त्र है वो मैंने आपके द्वारा ही सुना है।
मातृकामन्त्रतद्वीर्यतत्प्र मेयमुखेन विमृश्य ध्येयमहामन्त्रमुखेनापि भगवद्रूपं विमृशति 'चक्रेति' जन्मादि चक्रेष्वारूढं लिपिध्यानेनैव न्यस्तम् । अनचक ह-कलात्म नादमयं कि रूपम् ? यद्वा प्रशान्ताशेष कौटिल्यसुस्पष्टशक्तिस्वरूपं भैरवे कि रूपम् ? इति ।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
"विज्ञान भैरव" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |
To download "Vigyan Bhairav" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.